Hindi, asked by softechav, 10 months ago

vyaktivachak sangya jativachak kab ban jati hai udharan se spasht karea​

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Answered by shivimishra3843
7

Answer:

व्यक्तिवाचक संज्ञा का प्रयोग सदा एकवचन मे होता है, परन्तु जब कोई व्यक्तिवाचक संज्ञा किसी व्यक्ति विशेष का बोध न कराके उस व्यक्ति के गुण दोषों वाले व्यक्तियों [अन्य] का बोध कराती है, तब वह संज्ञा व्यक्ति वाचक न रहकर जातिवाचक संज्ञा बन जाती है । जैसे:–

१.कलियुग में हरिश्चन्द्रों की कमी नही है ।

यहाँ ‘हरिश्चन्द्र’ व्यक्तिवाचक संज्ञा उसके ‘सत्य’ और ‘निष्ठा’ के गुण को प्रगट करने से जातिवाचक संज्ञा बनी ।

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