vyanjan ko parbhasit kare
Answers
➨ वे वर्ण जिनका उच्चारण बिना स्वर की सहायता के बिना सम्भव नही है अर्थात इनको स्वर की सहायता से बोला जाता है,व्यंजन कहलाते हैं।
➨ हिंदी वर्णमाला में व्यंजनों की संख्या 33 है।
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✿ उच्चारण की विविधता के आधार पर व्यंजनों के निम्नलिखित तीन भेद हैं –
➨ जिन व्यंजनों के उच्चारण में जिह्वा मुख के किसी भाग का स्पर्श करती है तथा वायु कुछ क्षण के लिए रुककर झटके के साथ बाहर निकलती है उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं।
’क्’ से ’म्’ तक के 25 व्यंजन ’स्पर्श’ कहलाते हैं।
➨ इन्हें निम्नलिखित पाँच वर्गों में बाँटा गया हैं –
- क वर्ग – क्, ख्, ग्, घ्, ङ
- च वर्ग – च्, छ्, ज्, झ्, ञ्
- ट वर्ग – ट्, ठ्, ड्, ढ्, ण्
- त वर्ग – त्, थ्, द्, ध्, न्
- प वर्ग – प्, फ्, ब्, भ्, म्
➨ जिन वर्णों का उच्चारण करने के लिए वायु को थोङा रोककर कम शक्ति के साथ छोङा जाता है, उन्हें अन्तःस्थ कहते हैं। ये स्वर तथा व्यंजनों के मध्य (अन्तः) में स्थित हैं।
➨ इनकी संख्या चार है – य्, र्, ल्, व्,।
➨ जिन वर्णों का उच्चारण करने के लिए वायु को धीरे-धीरे रोककर रगङ के साथ निकाल दिया जाता है , उन्हें ऊष्म या घर्षक व्यंजन कहते हैं।
➨ इनकी संख्या भी चार है – श्, ष्, स्, ह्।
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