vyavasthit dincharya ki upyogita
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आजकल लोगों को ज्यादा काम जल्दी-जल्दी करना पड़ता है। सबके पास इतनी जिम्मेदारियां हैं। एक विद्यार्थी को इतनी सारी किताबें पढ़नी पड़ती हैं। उसे साथ में खेल कूद, और विद्यालय की अन्य गतिविधियों में भी भाग लेना होता है।
जो काम जल्दी में किया जाता है वह पूर्ण रूप से सटीक नहीं होता है। सब काम अधूरे रह जाते हैं। अकसर लोग कहते हैं कि उनके पास पर्याप्त समय नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है।
यदि एक व्यक्ति अपने दिन को सुव्यवस्थित ढंग से बिताता है तो उसे समय की कमी नहीं महसूस होती है। वह हर काम के लिए अलग समय निश्चित कर लेता है और उस समय उस काम को पूरा मन लगाकर करता है। इससे उसकी कार्य क्षमता भी बढ़ती है और काम भी बिलकुल ठीक होता है।
इसके अतिरिक्त हम देखते हैं कि आजकल लोगों को बहुत टेंशन होती है। उनको हर काम भारी लगता है। व्यवस्थित दिनचर्या अपनाने से टेंशन कम हो जाती है क्योंकि हर काम ठीक समय पर किया जाता है।
टेंशन से लोगों को बीमारियाँ हो जाती हैं। सुव्यवस्थित जीवन बिताने वाले व्यक्ति का जीवन आरामदेह होता है और उसकी सेहत भी ठीक रहती है। उसे हर समय जल्दी में दौड़ना नहीं पड़ता है। वह निर्धारित समय पर शांत भाव से काम करता है और जीवन में सफलता प्राप्त करता है। इसलिए व्यवस्थित दिनचर्या अपनाना अत्यंत आवश्यक है।