Hindi, asked by navi76721, 8 months ago

Vyayam ka mahatva batate hue Apne chote bhai ko Patra kaise likhenge.

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Answered by shreelalita2009
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Explanation:

84, रेलवे कालोनी,

84, रेलवे कालोनी,बाराबंकी,

84, रेलवे कालोनी,बाराबंकी,उत्तर प्रदेश प्रिय सोहन,

84, रेलवे कालोनी,बाराबंकी,उत्तर प्रदेश प्रिय सोहन,1 जुलाई, 19…

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84, रेलवे कालोनी,बाराबंकी,उत्तर प्रदेश प्रिय सोहन,1 जुलाई, 19… प्रिय सोहन,

84, रेलवे कालोनी,बाराबंकी,उत्तर प्रदेश प्रिय सोहन,1 जुलाई, 19… प्रिय सोहन, बहुत-बहुत प्यार।

84, रेलवे कालोनी,बाराबंकी,उत्तर प्रदेश प्रिय सोहन,1 जुलाई, 19… प्रिय सोहन, बहुत-बहुत प्यार।

84, रेलवे कालोनी,बाराबंकी,उत्तर प्रदेश प्रिय सोहन,1 जुलाई, 19… प्रिय सोहन, बहुत-बहुत प्यार। अभी-अभी पिता जी का पत्र आया है कि तुम मैट्रिक परीक्षा में प्रथम डिवीज़न लेकर सफल हुए हो। पढ़ कर बहुत प्रसन्नता हुई। उनके पत्र से यह भी विदित हुआ कि तुम पढ़ते ही रहते हो। घूमना, फिरना या व्यायाम कुछ नहीं करते। हमारे पूर्वजों का कहना है पहला सुख नीरोगी काया जिसका शरीर अच्छा है, उसके सब काम अच्छे हो जाते हैं। अस्वस्थ शरीर से कुछ भी नहीं बन पड़ता। यह ठीक है कि बच्चे के लिए पढ़ाई आवश्यक है पर पढ़ाई के साथ-साथ व्यायाम और भी आवश्यक है। व्यायाम से शरीर चुस्त होता है, अंग पुष्ट होते हैं। सारा दिन मन प्रसन्न रहता है। अगर शरीर स्वस्थ रहे तो मन भी स्वस्थ रहेगा। यदि इसी तरह दुबले-पतले और मरियल बने रहे तो शिक्षा का कोई लाभ नहीं। इसलिए प्रात:काल सदैव कसरत किया करो। थोड़ी देर विश्राम करके स्नान करो।

84, रेलवे कालोनी,बाराबंकी,उत्तर प्रदेश प्रिय सोहन,1 जुलाई, 19… प्रिय सोहन, बहुत-बहुत प्यार। अभी-अभी पिता जी का पत्र आया है कि तुम मैट्रिक परीक्षा में प्रथम डिवीज़न लेकर सफल हुए हो। पढ़ कर बहुत प्रसन्नता हुई। उनके पत्र से यह भी विदित हुआ कि तुम पढ़ते ही रहते हो। घूमना, फिरना या व्यायाम कुछ नहीं करते। हमारे पूर्वजों का कहना है पहला सुख नीरोगी काया जिसका शरीर अच्छा है, उसके सब काम अच्छे हो जाते हैं। अस्वस्थ शरीर से कुछ भी नहीं बन पड़ता। यह ठीक है कि बच्चे के लिए पढ़ाई आवश्यक है पर पढ़ाई के साथ-साथ व्यायाम और भी आवश्यक है। व्यायाम से शरीर चुस्त होता है, अंग पुष्ट होते हैं। सारा दिन मन प्रसन्न रहता है। अगर शरीर स्वस्थ रहे तो मन भी स्वस्थ रहेगा। यदि इसी तरह दुबले-पतले और मरियल बने रहे तो शिक्षा का कोई लाभ नहीं। इसलिए प्रात:काल सदैव कसरत किया करो। थोड़ी देर विश्राम करके स्नान करो। यह सब काम सात बजे तक निपट जाना चाहिए और फिर पढ़ाई करो। तुम देखोगे कि कुछ दिनों में तुम्हारा शरीर पुष्ट हो जाएगा। मुख पर एक आभा चमकेगी। व्यायाम के बहुत से लाभ होते हैं। मेरा विश्वास है कि तुम पढ़ने के साथ-साथ व्यायाम करोगे। माता जी तथा पिता जी के चरणों में प्रणाम। वीणा और सीता को प्यार देना।

84, रेलवे कालोनी,बाराबंकी,उत्तर प्रदेश प्रिय सोहन,1 जुलाई, 19… प्रिय सोहन, बहुत-बहुत प्यार। अभी-अभी पिता जी का पत्र आया है कि तुम मैट्रिक परीक्षा में प्रथम डिवीज़न लेकर सफल हुए हो। पढ़ कर बहुत प्रसन्नता हुई। उनके पत्र से यह भी विदित हुआ कि तुम पढ़ते ही रहते हो। घूमना, फिरना या व्यायाम कुछ नहीं करते। हमारे पूर्वजों का कहना है पहला सुख नीरोगी काया जिसका शरीर अच्छा है, उसके सब काम अच्छे हो जाते हैं। अस्वस्थ शरीर से कुछ भी नहीं बन पड़ता। यह ठीक है कि बच्चे के लिए पढ़ाई आवश्यक है पर पढ़ाई के साथ-साथ व्यायाम और भी आवश्यक है। व्यायाम से शरीर चुस्त होता है, अंग पुष्ट होते हैं। सारा दिन मन प्रसन्न रहता है। अगर शरीर स्वस्थ रहे तो मन भी स्वस्थ रहेगा। यदि इसी तरह दुबले-पतले और मरियल बने रहे तो शिक्षा का कोई लाभ नहीं। इसलिए प्रात:काल सदैव कसरत किया करो। थोड़ी देर विश्राम करके स्नान करो। यह सब काम सात बजे तक निपट जाना चाहिए और फिर पढ़ाई करो। तुम देखोगे कि कुछ दिनों में तुम्हारा शरीर पुष्ट हो जाएगा। मुख पर एक आभा चमकेगी। व्यायाम के बहुत से लाभ होते हैं। मेरा विश्वास है कि तुम पढ़ने के साथ-साथ व्यायाम करोगे। माता जी तथा पिता जी के चरणों में प्रणाम। वीणा और सीता को प्यार देना।तुम्हारा शुभचिन्तक भाई,

84, रेलवे कालोनी,बाराबंकी,उत्तर प्रदेश प्रिय सोहन,1 जुलाई, 19… प्रिय सोहन, बहुत-बहुत प्यार। अभी-अभी पिता जी का पत्र आया है कि तुम मैट्रिक परीक्षा में प्रथम डिवीज़न लेकर सफल हुए हो। पढ़ कर बहुत प्रसन्नता हुई। उनके पत्र से यह भी विदित हुआ कि तुम पढ़ते ही रहते हो। घूमना, फिरना या व्यायाम कुछ नहीं करते। हमारे पूर्वजों का कहना है पहला सुख नीरोगी काया जिसका शरीर अच्छा है, उसके सब काम अच्छे हो जाते हैं। अस्वस्थ शरीर से कुछ भी नहीं बन पड़ता। यह ठीक है कि बच्चे के लिए पढ़ाई आवश्यक है पर पढ़ाई के साथ-साथ व्यायाम और भी आवश्यक है। व्यायाम से शरीर चुस्त होता है, अंग पुष्ट होते हैं। सारा दिन मन प्रसन्न रहता है। अगर शरीर स्वस्थ रहे तो मन भी स्वस्थ रहेगा। यदि इसी तरह दुबले-पतले और मरियल बने रहे तो शिक्षा का कोई लाभ नहीं। इसलिए प्रात:काल सदैव कसरत किया करो। थोड़ी देर विश्राम करके स्नान करो। यह सब काम सात बजे तक निपट जाना चाहिए और फिर पढ़ाई करो। तुम देखोगे कि कुछ दिनों में तुम्हारा शरीर पुष्ट हो जाएगा। मुख पर एक आभा चमकेगी। व्यायाम के बहुत से लाभ होते हैं। मेरा विश्वास है कि तुम पढ़ने के साथ-साथ व्यायाम करोगे। माता जी तथा पिता जी के चरणों में प्रणाम। वीणा और सीता को प्यार देना।तुम्हारा शुभचिन्तक भाई,मोहन ।

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