Hindi, asked by seemarohilla22, 9 months ago

vyayam sehat k liye laabhkaari hai essay for class 4​

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Answered by golakpraharaj73
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आधुनिक युग के महाबली भीम कहे जाने वाले अविजीत राममूर्ति नायडू जी की दंड का सच्ची स्वरूप यानी राममूर्ति दंड कैसे लगायें, बता रहें है,महायोगी स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी:-

अब तक जितनी भी राममूर्ति जी की दंड लगाने को लेकर बाबा रामदेव से लेकर ओर बहुत सारे कथित व्यायाम पहलवानों की वीडियो देखी होंगी,वे सब की सब बिल्कुल गलत दंड है, इन सब दंडों में बार बार दंड लगाने की रिपीटेशन यानी दोहराना है।जबकि राममूर्ति जी हमारी प्राचीन भारतीय दंड व्यायाम पद्धति पफ़स्सि योग व्यायाम की परंपरा के सर्वश्रेष्ठ महाबली रहें है,न कि ये दंड व्यायाम प्रणाली राममूर्ति जी ने विकसित की थी,बल्कि ये आदिकाल से ही थी।हमारे योगियों ने स्वास्थ्यवर्द्धक व्यायाम प्रणाली की दो धारा विकसित की है- 1-योगासन पद्धति,जो योगियों के ध्यान अभ्यास व समाधि से आयी शारारिक जड़ता को मिटाने ओर अत्याधिक समय तक समाधि में रहने से जो शरीर मे रक्त संचार करने से और पेट मे खानपान यानी अन्न आदि की रुकी पाचनतंत्र प्रणाली को फिर से सहजता से चलाने के लिए किए जाने वाले व्यायाम।और दूसरे थे, 2-मनुष्य को कैसे कम समय में अत्यधिक शक्तिशाली बनाने की व्यायाम प्रणाली।ये योगासन अलग हैं और ये व्यायाम पद्धति बिल्कुल अलग और योगासन से भी अधिक सर्वश्रेष्ठ व्यायाम पद्धति है।इसमें सभी प्रकार के योगासन के लाभ स्वयं ही प्राप्त होते है। यो इस प्राचीन भारतीय दंड बैठक व्यायाम प्रणाली जिसे पफ़स्सि व्यायाम पद्धति कहा जाता है,जो आज राममूर्ति दंड के नाम से विख्यात होने लगी है,उसमें एक ही दंड लगाने में अधिक से अधिक देर तक समय बढ़ाना होना होता है।और साथ ही साथ अपनी सांस को रोके रखने की क्षमता को बढ़ाना होता है,तब आपको इसी एक व्यायाम से 5 शक्तियों की प्राप्ति होती है- 1-पावर, 2-फोर्स, 3-स्ट्रेंथ, 4-स्टैमिना, 5-एनर्जी। ओर असाधारण कुम्भक शक्ति की प्राप्ति।

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