Want hindi essay on winter season
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भारत में विभिन्न प्रकार की ऋतुएँ क्रमानुसार आती हैं । जाड़े की ऋतु वर्षा ऋतु की समाप्ति पर आती है । नवंबर से लेकर फरवरी तक ठंडा मौसम रहता है । विशेषकर दिसंबर और जनवरी के महीने में अत्यधिक ठंड पड़ती है । इतनी ठंड कि लोग ठिठुरने लगते हैं । लोग गर्मी प्रदान करने वाली वस्तुओं की शरण में जाते हैं बंदगोभी, सेम, मटर, फूलगोभी, आलू, मूली, गाजर, टमाटर, लौकी आदि सब्जियाँ इस मौसम में खूब फलती हैं । सेब, संतरा, पपीता, अंगुर, अनार जैसे फलों से तो बाजार पट जाते हैं । शरीर को गर्मी देने वाले तिल इसी ऋतु में पैदा होते हैं । गन्ने का रस और गुड शीत ऋतु की देन हैं । आयुर्वेद लोगों को शीत ऋतु में उष्ण जल, पान, तिल और रूई का सेवन करने की सलाह देता है । इनका सेवन करने वाले शीत ऋतु में स्वस्थ बने रहते हैं । इस ऋतु में जो खाया सो हजम हो गया । अत: इसे शरीर में शक्ति संचय का काल माना जाता है ।
शीत ऋतु में कीटाणुओं का प्रकोप कम हो जाता है । ठंड से मच्छर मर जाते हैं और मक्खियों की संख्या भी घट जाती है । लोग प्राय: स्वस्थ रहते हैं । संक्रामक बीमारियों का असर कम हो जाता है । यदि लोग कुछ सावधानियाँ बरतें और ठंड से बचें तो इस ऋतु में आनंदपूर्वक रहा जा सकता है ।
शीतकाल में जनसमुदाय को कार्य करने में कई प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है । कुहासे के कारण आवागमन बाधित होता है । वायुयानों की कई उड़ानें रद्द करनी पड़ती हैं या वे विलंब से चलती हैं । रेलसेवाओं का भी यही हाल होता है । सड़कों पर वाहनों की रफ्तार कम हो जाती है । उधर किसान भी कुहासे और पाले से परेशान दिखाई देते हैं । उनकी फसल ओले और पाले से नष्ट हो जाती है ।