Waterfall uses in Hindi?
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कभी-कभी जमीन से अचानक पानी कि धरा फव्वारे के रूप में फूट पड़ती है l इसे ही झरना कहते हैं, झरने आमतौर पर चट्टानों के बीच से निकलते हैं l कुछ झरनों का पानी बहुत ठंडा होता है, उनको शीत झरने कहते हैं l कुछ ऐसे भी झरने होते हैं जिनका पानी गर्म होता है, उनको गर्म झरने कहते हैं l कुछ झरनों के पानी में गंधक कि गंध होती है , इन्हें सल्फर स्प्रिंग्स (Sulphur Springs) कहते हैं क्या आप जानते है कि ये झरने कैसे बनते हैं ?
जब वर्षा होती है तो, वर्षा का कुछ पानी जमीन के द्वारा सोख लिया जाता है और कुछ पानी भाप बनकर उड़ जाता है l जमीन कि दरारों से गुरुत्व बल के कारण यह पानी निचे कि तरफ चलता जाता है l जमीन के अंदर जब कोई चट्टान मिल जाती है, तो वहा यह पानी इक्टठा होने लगती है l जब कभी इस जमा हुए पानी को बहार निकलने के लिए कोई सुराख मिल जाता है, तो यह झरने के रूप में फूट पड़ता है l आमतौर पर ऐसे झरने घाटियों या निचली सतहों वाली जमीन पर फूटते हैं इस प्रकार झरनों का निर्माण हो जाता है l
कभी-कभी जमीन के अंदर एकत्रित हुए पानी को गंधक और चुने वाले स्थानों से गुजरना पड़ता है l यह गंधक और चुना पानी में धुल जाता है और जब यह पानी झरने के रूप में बाहर निकलता है, तो गंधक युक्त हो जाट है l इसलिए इसे सल्फर स्प्रिंग का नाम दे दिया जाता है l भारत में कश्मीर और हरियाणा में कई ऐसे झरने हैं l कभी-कभी पृथ्वी कि सतह का पानी जब निचली चट्टनों की सीधी दरारों में से होता हुआ बहुत निचे पहुंच जाता है, तो पृथ्वी कि गर्मी के कारण उबलने लगता है l गर्म होने के कारण यह दरारों के माध्यम से तेज़ी से ऊपर उठने लगता है, यह किसी छेद द्वारा जमीन से किसी फव्वारे के रूप में ऊपर निकलता है, तो गर्म होता है l इस प्रकार के झरनों को गर्म झरने कहते हैं l अमेरिका और न्यूजीलैंड में इस प्रकार के बहुत से झरने हैं
जब वर्षा होती है तो, वर्षा का कुछ पानी जमीन के द्वारा सोख लिया जाता है और कुछ पानी भाप बनकर उड़ जाता है l जमीन कि दरारों से गुरुत्व बल के कारण यह पानी निचे कि तरफ चलता जाता है l जमीन के अंदर जब कोई चट्टान मिल जाती है, तो वहा यह पानी इक्टठा होने लगती है l जब कभी इस जमा हुए पानी को बहार निकलने के लिए कोई सुराख मिल जाता है, तो यह झरने के रूप में फूट पड़ता है l आमतौर पर ऐसे झरने घाटियों या निचली सतहों वाली जमीन पर फूटते हैं इस प्रकार झरनों का निर्माण हो जाता है l
कभी-कभी जमीन के अंदर एकत्रित हुए पानी को गंधक और चुने वाले स्थानों से गुजरना पड़ता है l यह गंधक और चुना पानी में धुल जाता है और जब यह पानी झरने के रूप में बाहर निकलता है, तो गंधक युक्त हो जाट है l इसलिए इसे सल्फर स्प्रिंग का नाम दे दिया जाता है l भारत में कश्मीर और हरियाणा में कई ऐसे झरने हैं l कभी-कभी पृथ्वी कि सतह का पानी जब निचली चट्टनों की सीधी दरारों में से होता हुआ बहुत निचे पहुंच जाता है, तो पृथ्वी कि गर्मी के कारण उबलने लगता है l गर्म होने के कारण यह दरारों के माध्यम से तेज़ी से ऊपर उठने लगता है, यह किसी छेद द्वारा जमीन से किसी फव्वारे के रूप में ऊपर निकलता है, तो गर्म होता है l इस प्रकार के झरनों को गर्म झरने कहते हैं l अमेरिका और न्यूजीलैंड में इस प्रकार के बहुत से झरने हैं
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झरने का उपयोग किया जाता है: -
- झीलों या तालाबों का निर्माण करें।
- पर्यटन को बढ़ावा देना।
- पनबिजली का उत्पादन
- आसपास के क्षेत्रों में हरियाली को बढ़ावा देना।
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