Hindi, asked by justinwembly1922, 2 days ago

Wazir ram Singh pathania ne angrejo se takkar kawali

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Answered by hltiwaria
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राम सिंह पठानिया (१८२४ - १८४९) अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष करने वाले एक भारतीय सेनानी थे। उन्होंने मुट्ठी भर साथियों के साथ अंग्रेजी साम्राज्य की नींव हिलाकर रख दी थी। उस समय पठानिया की उम्र केवल 24 वर्ष थी।

राम सिंह पठानिया का जन्म राजपूत समाज नूरपुर रियासत के मन्त्री श्याम सिंह के घर 10 अप्रैल 1824 को हुआ था। उनके पिता नूरपुर रियासत में राजा वीर सिंह के मंत्री थे।

1846 में अंग्रेज-सिख संधि के कारण हिमाचल प्रदेश की अधिकांश रियासतें अंग्रेज साम्राज्य के आधीन हो गई थीं। उसी समय राजा वीर सिंह की मृत्यु हो गई। उस समय उनके बेटे जवसंत सिंह राजगद्दी के उत्तराधिकारी थे। अंग्रेजों ने जसवंत सिंह के सारे अधिकार पांच हजार रुपए में ले लिए और रियासत में अपने शासन से मिलाने की घोषणा कर दी, जो वीर सिंह पठानिया को मंजूर नहीं था।

उन्होंने कटोच राजपूतों के साथ मिलकर सेना बनाई और अंग्रेजों पर धावा बोल दिय। इस आक्रामण से अंग्रेज भाग खड़े हुए और राम सिंह ने अपना ध्वज लहरा दिया। इससे खुश होकर जसवंत सिंह ने खुद को राजा नियुक्त करते हुए राम सिंह को अपना मन्त्री बना लिया। इसके पश्चात उन्होंने हिमाचल से सारे अंग्रेजों को उखाड़ फेकने की योजना बनायी और विजय प्राप्त की।

अंग्रेजों को भी पता था कि वे राम सिंह को आसानी से नहीं गिरफ्तार या मार सकते हैं। ऐसे में उन्होंने षडयन्त्र बनाया और जब राम सिंह पूजा पाठ कर रहे थे तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाकर कालापानी भेज दिया। उसके बाद उन्हें रंगून भेजा गया और उन पर काफी अत्याचार किए गये। 11 नवंबर 1849 को मात्र 24 साल की उम्र में वीरगति को प्राप्त हो गए।

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