Hindi, asked by farrukhan27990, 1 month ago

weh janm bhumi meri ka jeevan parichay​

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Answered by pinkyyadav098120
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Answer:

वह पुण्य भूमि मेरी, वह स्वर्ण भूमि मेरी। प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने भारत भूमि की विशेषताओं का गुणगान किया है। कवि ने भारत के उत्तर में खड़े हिमालय पर्वत जो आकाश को चूमता है हमारे भारत के गौरव का प्रतीक है। दक्षिण दिशा में स्थित हिंद महासागर भारत माँ के चरणों का स्पर्श करके मानो अपने सौभाग्य पर इतराता है।

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