welcome speech for celebrating science day in hindi
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सुप्रभात दोस्तों..
आज मुझे इस राष्ट्रीय विज्ञान दिन के अवसर पे आदरणीय प्रमुख अतिथि और प्रिंसिपल सर और मेरे सभी सहपाठी आप सब का स्वागत करते हुए बड़ा आनंद हो रहा है.
भारत में विज्ञान का महत्व पूर्व काल से ही कायम है. भारत में आर्यभट्ट, महर्षि कणाद,नागार्जुन, सुश्रुत, चरक, बह्मापुत्र जैसे कई महान वैज्ञानिक, गणितज्ञ तथा खगोल-विद्या विशारदोने अपने कार्य से भारत की विज्ञान गंगा को विशाल किया है और इक्कीसवी सदी में भी भारत विज्ञान के क्षेत्र में नई ऊंचाइया छू रहा है.
कई भारतीय वैज्ञानिकों भारत का नाम जगविख्यात किया है. सर चंदशेखर वेंकट रमन (सी.वि.रमन) उन्ही में से एक है. सर सी.वि.रमन ने “रमन इफ्फेक्ट” का अविष्कार करके रोशनी के बिखराव (Scattering of Light) के विषय में एक नया आयाम दुनिया के सामने लाया. और विज्ञान जगत में उनके इसी योगदान के लिए उन्हें १९३० में नोबल अवार्ड से नवाज़ा गया. सर सी वि रमन के इसी अविष्कार के दिन को याद करने के लिए भारत सरकार ने २८ फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिन के नाम से मनाने का निर्णय लिया. २८ फ़रवरी १९९९ को पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस माने गया.
राष्ट्रीय विज्ञान दिन के अवसर पर भारत के विज्ञान क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान देनेवाले कई वैज्ञानिक तथा वैज्ञानिक संगठनो को सम्मानित किया जाता है. भारत मई ऐसे कई व्यक्ति तथा संगठन है जिन्होंने भारत में विज्ञान के बारे में जागरूकता फैलाने का काम बढ़ी ही निस्वार्थता और लगन से किया है और ऐसेही लोगों का राष्ट्रीय विज्ञान दिन के दिन सम्मान किया जाता है.
आज राष्ट्रीय विज्ञान दिन के शुभ अवसर पर आप सब से यह आवेदन करना चाहता हु की, हम सब भारतीय , भारत के देशवासी होने का कर्त्तव्य निभाते हुए भारत में विज्ञान का अधिकतर प्रसार करने का तथा विज्ञान के माध्यम से लोगो की रोजाना जिंदगी आसान करने का प्रयत्न करेंगे .
और यही पर मैं अपना भाषण समाप्त करूँगा. धन्यवाद !
जय जवान ! जय किसान ! जय विज्ञान !
hope it helps u..
आज मुझे इस राष्ट्रीय विज्ञान दिन के अवसर पे आदरणीय प्रमुख अतिथि और प्रिंसिपल सर और मेरे सभी सहपाठी आप सब का स्वागत करते हुए बड़ा आनंद हो रहा है.
भारत में विज्ञान का महत्व पूर्व काल से ही कायम है. भारत में आर्यभट्ट, महर्षि कणाद,नागार्जुन, सुश्रुत, चरक, बह्मापुत्र जैसे कई महान वैज्ञानिक, गणितज्ञ तथा खगोल-विद्या विशारदोने अपने कार्य से भारत की विज्ञान गंगा को विशाल किया है और इक्कीसवी सदी में भी भारत विज्ञान के क्षेत्र में नई ऊंचाइया छू रहा है.
कई भारतीय वैज्ञानिकों भारत का नाम जगविख्यात किया है. सर चंदशेखर वेंकट रमन (सी.वि.रमन) उन्ही में से एक है. सर सी.वि.रमन ने “रमन इफ्फेक्ट” का अविष्कार करके रोशनी के बिखराव (Scattering of Light) के विषय में एक नया आयाम दुनिया के सामने लाया. और विज्ञान जगत में उनके इसी योगदान के लिए उन्हें १९३० में नोबल अवार्ड से नवाज़ा गया. सर सी वि रमन के इसी अविष्कार के दिन को याद करने के लिए भारत सरकार ने २८ फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिन के नाम से मनाने का निर्णय लिया. २८ फ़रवरी १९९९ को पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस माने गया.
राष्ट्रीय विज्ञान दिन के अवसर पर भारत के विज्ञान क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान देनेवाले कई वैज्ञानिक तथा वैज्ञानिक संगठनो को सम्मानित किया जाता है. भारत मई ऐसे कई व्यक्ति तथा संगठन है जिन्होंने भारत में विज्ञान के बारे में जागरूकता फैलाने का काम बढ़ी ही निस्वार्थता और लगन से किया है और ऐसेही लोगों का राष्ट्रीय विज्ञान दिन के दिन सम्मान किया जाता है.
आज राष्ट्रीय विज्ञान दिन के शुभ अवसर पर आप सब से यह आवेदन करना चाहता हु की, हम सब भारतीय , भारत के देशवासी होने का कर्त्तव्य निभाते हुए भारत में विज्ञान का अधिकतर प्रसार करने का तथा विज्ञान के माध्यम से लोगो की रोजाना जिंदगी आसान करने का प्रयत्न करेंगे .
और यही पर मैं अपना भाषण समाप्त करूँगा. धन्यवाद !
जय जवान ! जय किसान ! जय विज्ञान !
hope it helps u..
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