what are the various cost concepts give suitable diagrams
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वर्तमान में लागत लेखांकन इतना महत्वपूर्ण हो गया है कि इस प्रतिस्पर्धा के युग में विकास करना संभव नहीं है। प्रत्येक उत्पादनकर्ता को लागत लेखांकन के सम्बन्ध में ज्ञान होना चाहिए तथा उसे व्यवस्थित रूप से लागत लेखे रखने चाहिए ताकि उसका उत्तरदायित्व बना रहे, जिसके फलस्वरूप वह प्रतिस्पर्धा के युग में अपने द्वारा उत्पादित माल पर अधिक से अधिक लाभ कमा सके।
लागतों पर नियंत्रण स्थापित करने के लिये वित्तीय लेखांकन पर्याप्त नहीं है। वर्तमान समय में वर्ष के अन्त में केवल लाभ-हानि खाता बनाकर व्यापार का लाभ ज्ञात कर लेना तथा चिट्ठा बनाकर व्यापार की आर्थिक स्थिति का पता लगा लेना ही पर्याप्त नहीं है। वित्तीय लेखांकन उत्पादन लागत से संबन्धित स्थिति को प्रस्तुत करने में असमर्थ है। वित्तीय लेखांकनप्रबन्धकों को उत्पादन एवं विक्रय संबन्धी नीतियों का निर्धारण करने में कोई सहायता प्रदान नहीं कर सकता। वित्तीय लेखांकन की इन्हीं सीमाओं को दूर करने के लिये लेखांकन की एक नयी शाखा लागत लेखांकन का जन्म हुआ।
लागत लेखा पद्धति पूर्ण लेखांकन पद्धति का एक भाग मात्र है। इस पद्धति की स्थापना लागत सम्बन्धी सूचनाएँ प्राप्त करने के लिये की जाती है। इसकी सहायता से उत्पाद सेवाओं व विभिन्न प्रक्रियाओं की लागत को नियंत्रित किया जा सकता है।
लागत लेखा विभाग से प्राप्त सूचनाओं का उपयोग सभी स्तरों पर व सभी विभागों द्वारा किया जा सकता है। लागत लेखा विभाग से प्राप्त ये सूचनाएँ अन्य विभागों के कार्य प्रभावी ढंग से निष्पादित करने में सहायता प्रदान करती हैं। प्रबन्धकों को निर्नय लेने में सहायता हेतु लागत सूचनाओं का सही प्रारूप में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। ये सूचनाएँ निर्णयन के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर उचित प्रारूप में प्रस्तुत की जाती हैं। ये सूचनाएँ प्रासंगिक हों तथा तथा समय पर प्रदान की जा सकें, इसके लिये अच्छी लागत लेखा पद्धति की स्थापना की जाती है।
लागतों पर नियंत्रण स्थापित करने के लिये वित्तीय लेखांकन पर्याप्त नहीं है। वर्तमान समय में वर्ष के अन्त में केवल लाभ-हानि खाता बनाकर व्यापार का लाभ ज्ञात कर लेना तथा चिट्ठा बनाकर व्यापार की आर्थिक स्थिति का पता लगा लेना ही पर्याप्त नहीं है। वित्तीय लेखांकन उत्पादन लागत से संबन्धित स्थिति को प्रस्तुत करने में असमर्थ है। वित्तीय लेखांकनप्रबन्धकों को उत्पादन एवं विक्रय संबन्धी नीतियों का निर्धारण करने में कोई सहायता प्रदान नहीं कर सकता। वित्तीय लेखांकन की इन्हीं सीमाओं को दूर करने के लिये लेखांकन की एक नयी शाखा लागत लेखांकन का जन्म हुआ।
लागत लेखा पद्धति पूर्ण लेखांकन पद्धति का एक भाग मात्र है। इस पद्धति की स्थापना लागत सम्बन्धी सूचनाएँ प्राप्त करने के लिये की जाती है। इसकी सहायता से उत्पाद सेवाओं व विभिन्न प्रक्रियाओं की लागत को नियंत्रित किया जा सकता है।
लागत लेखा विभाग से प्राप्त सूचनाओं का उपयोग सभी स्तरों पर व सभी विभागों द्वारा किया जा सकता है। लागत लेखा विभाग से प्राप्त ये सूचनाएँ अन्य विभागों के कार्य प्रभावी ढंग से निष्पादित करने में सहायता प्रदान करती हैं। प्रबन्धकों को निर्नय लेने में सहायता हेतु लागत सूचनाओं का सही प्रारूप में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। ये सूचनाएँ निर्णयन के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर उचित प्रारूप में प्रस्तुत की जाती हैं। ये सूचनाएँ प्रासंगिक हों तथा तथा समय पर प्रदान की जा सकें, इसके लिये अच्छी लागत लेखा पद्धति की स्थापना की जाती है।
appu4861:
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hiiiiii
here your ans......
generally theories if cists can be divided into two parts:
traditional theory of costs/short run cost curves:
in traditional theory ,costs are generalized in two parts on the basis of time period. i.e. costs in short run and costs in long run period.
costs are mainy of the following types:
1)tital cost
2) averege cost
in hope it s help u
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in traditional theory ,costs are generalized in two parts on the basis of time period. i.e. costs in short run and costs in long run period.
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1)tital cost
2) averege cost
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