Hindi, asked by shreyasakshi01, 1 year ago

what do we learn from Phool ka Mulya by Rabindranath Tagore

Answers

Answered by ishaagrawal
90
फूल का मूल्य 

जब माली सुदास प्रचंड शीतलहर में कमल का पुष्प उगे देखा तो उसे लगा इसकी मनचाही कीमत मिलेगी | महल के बाहर जब वह राजा का इंतजार कर रहा था तब एक सज्जन आया और उसे खरीदने की इच्छा जताई | 1 माशा सोना के बदले वह फूल लेने को तैयार हो गया जिसे वह भगवान के चरणों में डालना चाहता था | पर उसी समय राजा आ गए जो पूजा की थाल लिए हुए थे और उसमें फूल की ही कमी थी | राजा ने उस फूल के बदले 10 माशा देने को तैयार हुए, फिर वह सज्जन 20 माशा देने को तैयार हुए और राजा 40 | ये सब देख कर सुदास ने कहा वह फूल नहीं बेचेगा और स्वयं ही भगवान बुद्ध के पास चला गया | वे ध्यानमग्न थे और सुदास उनके चेहरे का तेज देखता रह गया | उनके चरणों में डालने पर उसने कहा उसे कुछ नहीं चाहिए सिवाय आशीर्वाद के |
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की पुष्प की कीमत नहीं लगायी जा सकती , सच्चे भक्ति के आगे कोई भी इनाम छोटा है | राजा साहब और वह सज्जन दोनों उस पुष्प की कोई भी कीमत देने को तैयार थे क्योंकि वे दोनों उसे भगवान के चरणों में अर्पित करना चाहते थे | जब सच्ची तपस्या अपना तेज दिखाती है तो कितना भी बड़ा लालच उसके आगे घुटने टेक देता है | जो सुख भगवान की चरणों में अर्पण करना और उनसे आशीर्वाद लेने में है वह किसी इनाम में नहीं है, कोई भी शोहरत उसके आगे फीकी है |
Answered by yukti827
15

Answer:

here's your answer mate...

hope it help you...

plzzzzzzzz markk meee assss brainliestttttt...

Attachments:
Similar questions