India Languages, asked by spayalpriyanka138, 1 day ago

what i learnt from the sanskrit class 8 chapter गृहं शुन्यं शुतां विना?
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Answered by sahrekha976
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This is the chapter.

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Answered by vishwa11747
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                       गृहं शून्यं सुतां विना

प्राचीन भारत में स्त्रियों को अत्यधिक सम्मान प्राप्त था। उनकी स्थिति उन्नत तथा सुदृढ थी। स्त्रियाँ सुशिक्षित होती थीं। स्त्रियों को शास्त्र का ज्ञान होता था। इतिहास में ब्रह्मवादिनी गार्गी, मैत्रेयी आदि का नाम विशेष उल्लेखनीय है। वैदिक युग में पुरुषों और स्त्रियों में कोई विभेद नहीं है।

कालान्तर में स्त्रियों की दशा दयनीय होती गई। उनकी सामाजिक, शैक्षणिक दशा में न्यूनता आती गई। इसके अतिरिक्त भ्रूणहत्या, सतीप्रथा जैसी कुत्सित प्रथाओं का आविर्भाव हो गया। ये प्रथाएँ अमानवीय हैं। समय समय पर महापुरुषों ने ऐसी प्रथाओं का घोर विरोध किया।

यह पाठ कन्याओं की गर्भ में हत्या पर रोक लगाने और उनकी शिक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रशंसनीय कदम है। आज भी पुत्र और पुत्री में भेदभाव की भावना कार्यरत है। समाज में कन्या जन्म को आज के युग में भी तिरस्कार की दृष्टि से देखा जाता है। इसके निवारण की नितान्त आवश्यकता है। प्रस्तुत पाठ में संवादात्मक शैली में इन बातों को सुगमता से समझाया गया है।

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