Hindi, asked by ManishGogoi, 1 year ago

what is anyokti alankar ?

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Answered by MrPerfect0007
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आपको पहले यह समझना होगा की अन्योक्ति अंलकार किसे कहते हैं। अन्योक्ति अलंकार में कहने वाला व्यक्ति अपनी बात किसी ओर उदाहरण के द्वारा समझाता है। वह व्यंग्य के माध्यम से भी अपनी बात रख सकता है। इस अंलकार को अप्रस्तुत प्रशंसा के द्वारा भी पहचाना जाता है। कवि राज बिहारी का दोहा अन्योक्ति अंलकार का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। इस दोहे की रचना के पीछे भी एक कहानी है। कहा जाता है राजा जयसिंह अपने विवाह के बाद राज-काज के कामों से दूर हो गए थे। राजा की ऐसी अनदेखी देख सभी मंत्री परेशान थे। किसी की ऐसी हिम्मत नहीं थी कि राजा को जाकर समझाया जा सके। सब बिहारी जी के पास मदद के लिए पहुँचे। बिहारी जी ने इसका एक तोड़ निकाला। उन्होंने राजा के पास दो पंक्तियाँ लिखकर भेजी, वे इस प्रकार थी- नहि पराग नहि मधुर मधु, नहिं विकास इहि काल। अली कली ही सो बँध्यो, आगे कौन हवाल।। (इसमें भौंरे को बुरा भला कह कर राजा जयसिंह को उनकी रानी के साथ समय बिताने और राजकाज का काम न देखने पर व्यंग्य किया गया है।) इस तरह भंवरे के माध्यम से व्यंग्य कसकर उन्होंने राजा को अपनी बात समझा दी और राजा के क्रोध से भी बच गए क्योंकि उन्होंने कहीं भी राजा का नाम नहीं लिया परन्तु राजा समझ गए, यह बात उनके लिए ही कही गई है। उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और वह तुरन्त राज-काज के कार्यों में समय देने लगे।
Answered by Anonymous
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Answer:

अलंकार

काव्य सुंदर बढ़ाने के साधन को अलंकार कहते हैं । यानी काव्य की सुंदरता बढ़ाने वाले गुण धर्म को अलंकार कहते हैं ।

अन्योक्ति का अर्थ होता है = ( अन्य - दूसरा )

अन्योक्ति अलंकार

जब काव्य में उपमान ( अप्रस्तुत ) के माध्यम से उपमेय ( प्रत्यक्ष ) का वर्णन किया जाता हो तो वहां अन्योक्ति अलंकार होता है । इसे प्रस्तुत प्रशंसा भी कहते हैं ।

उदाहरण

जिन - दिन देखे वे कुसुम गई सुबित बहार ,

अब अलि रही गुलाब में अपत कंटीली डार ।

  • अली :- भौंडा / गुणी व्यक्ति
  • अपत :- पत्रहीन , गुणहीन व्यक्ति ।

फूलों के आसपास रहकर भी कांटे उदास रहते हैं ।

  • फूल :- सुख सुविधा प्राप्त / प्रेमिका
  • कांटा :- प्रेमी / अभाव
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