what is doha aur chaupayi
Answers
Difference b/w Doha and Chaupai in Hindi
# दोहा अर्द्धसम मात्रिक छंद होते हैं और चौपाई एक मात्रिक सम छन्द का एक भेद होता है.
# दोहा और चौपाई दोनों को चार चरणों में बाटा गया है लेकिन दोहा में प्रथम और तृतीय चरण में 13-13 मात्राएँ और द्वितीय और चतुर्थ चरण में 11-11 मात्राएँ होती हैं जबकि चौपाई में चारों चरणों में 16-16 मात्राएँ होती हैं.
# दोहा में द्वितीय तथा चतुर्थ चरण के आखिरी में एक गुरु और एक लघु मात्रा होना अनिवार्य होता है जबकि चौपाई में अंत में गुरु मौजूद होता है.
# दोहा कबीरदास द्वारा कई सारे लिखे गए हैं और चौपाई अधिकतर गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गयी रामचरित मानस में आपको मिलेंगे.
# उदाहरण (दोहा) :
लूट सके तो लूट ले, राम नाम की लूट ।
पाछे फिरे पछताओगे, प्राण जाहिं जब छूट ॥
# उदाहरण (चौपाई) :
“मधुवन में ऋतुराज समाया।
पेड़ों पर नव पल्लव लाया।।
टेसू की फूली हैं डाली।
पवन बही सुख देने वाली।।
Answer:
Doha is a form of self-contained rhyming couplet in poetry composed in Mātrika metre
Explanation: