what is karm hindi subject
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‘कर्म’ शब्द का उपयोग अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से किया जाता है। अगर आप यह पेज पढ़ रहे हैं, तो यह संभव है कि आप उन हजारों लोगों में से एक होंगे जो इस शब्द, ‘कर्म’ का मर्म जानने के प्रयत्न में हैं।
इसे पढ़कर आप यह जान सकते हैं कि हमारे जीवन में किस तरह से हमारे इरादे, हमारी इच्छाएँ और हमारी भावनाएँ, हमारे आचरण को और हमारी क्रियाओं को प्रभावित करते हैं और कैसे इन सब का सम्बन्ध “कर्म” से है।
संस्कृत भाषा में ‘कर्म’ का अर्थ है ‘कार्य’ या ‘क्रिया’। वे सारी क्रियाएँ जो न सिर्फ हम शरीर द्वारा करते हैं लेकिन अपने मन और वाणी द्वारा भी करते हैं, उसे कर्म कहते हैं।
कर्म को भूतकाल का एक प्रतिस्पंदन और भविष्यकाल का कारण भी कहा जाता है।
रोज़मर्रा की सामान्य क्रियाएँ जैसे - काम पर जाना, अच्छे काम करना, दया भाव आदि, सामान्य तौर पर इन सब को भी कर्म ही कहा जाता है।
आत्मज्ञानी परम पूज्य दादाश्रीअपने ज्ञान द्वारा कहते हैं कि हमारी आज की सभी क्रियाएँ पिछले जन्म के कर्मों के फलस्वरूप हैं। इसलिए हमारे जीवन में अभी आपको जो कुछ भी दिखाई देता है, वह सब हमारे पहले के अभिप्राय का फल है।
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साधारण बोलचाल की भाषा में कर्म का अर्थ होता है 'क्रिया'। व्याकरण में क्रिया से फल के आश्रय को कर्म कहते हैं। उदाहरणः "राम घर जाता है' इस उदाहरण में "घर" गमन क्रिया के फल का आश्रय होने के नाते "जाना क्रिया' का कर्म है।