What is meaning of fasal simta hua sankoch hain hawa ki thirkan ka
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फसल के तैयार होने में कई शक्तियों और अवयवों का योगदान होता है। फसल के तैयार होने में मिट्टी से जरूरी पोषक मिलते हैं। फिर पानी, धूप और हवा उसके तैयार होने में अपना योगदान देती है। लेकिन उसपर से हजारों किसानों की मेहनत ही फसल को समुचित रूप से तैयार कर पाती है।
Princekuldeep:
plz mark as brainiest
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प्रशन :- फसल सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का ,क्या अर्थ है ?
उत्तर :- यह पंक्तियाँ कवि "नागार्जुन " जी की कविता " फसल " से ली गई है |
इन पंक्तियों में कवि कहते है कि , फसल के तैयार होने में मिट्टी से जरूरी पोषक मिलते हैं। फिर पानी, धूप और हवा उसके तैयार होने में अपना योगदान देती है। लेकिन उसपर से हजारों किसानों की मेहनत ही फसल को समुचित रूप से तैयार कर पाती है
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