What is ras explain with types
Answers
Answer:
ras mtlb aanand
रस का शाब्दिक अर्थ - निचोड़ है।
रस वह है जो काव्य में आनन्द आता है वह ही काव्य का रस है। काव्य में आने वाला आनन्द अर्थात् रस लौकिक न होकर अलौकिक होता है। रस काव्य की आत्मा है।
रस को दो भागों में बांटा गया है
- अंग
- प्रकार
अंग- रस के अंगों में वे माध्यम आते हैं, जिन्होने रस का निर्माण किया हो या जिनमें रस का संग्रहण किया जा रहा हो।
प्रकार :-
रस के प्रकार में वे सभी भाव आते हैं, जो इस को सुनने के बाद उत्पन्न होते हैं।
रस के ग्यारह भेद प्रकार होते है-
रस के प्रकार :-
1. शृंगार रस - रति
2. हास्य रस - हास
3. करूण रस - शोक
4. रौद्र रस - क्रोध
5. वीर रस - उत्साह
6. भयानक रस - भय
7. बीभत्स रस - जुगुस्ता या घृणा
8. अदभुत रस - विशम्या या आश्चर्य
9. शान्त रस - निर्वेद
10. वत्सल रस - वात्सल्य
11. भक्ति रस - अनुराग/देव रति