Hindi, asked by fabdul9757, 1 year ago

What is sandharb lekhan in ndi writing skill

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Answered by mkjat
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इसमें कोई दोराय नहीं कि 21वीं सदी विज्ञान की सदी है। आज हमारे जीवन का एक भी हिस्सा ऐसा नहीं है, जो विज्ञान से प्रभावित न हो। बात चाहे रहन-सहन की हो अथवा खान-पान की, विज्ञान हर जगह विद्यमान है। भले ही हम अपने खानपान में चायनीज़ व्यंजनों का इस्तेमाल करते हों, स्ट्रीट फूड के दिवानें हों, पंजाबी तड़कारमार खानों के शौकीन हों, साउथ इंडियन शैली के मुरीद हों या फिर सीधे-सादे उत्तर भारतीय भोजन के प्रशंसक, हमें पता होना चाहिए कि खानपान के हर क्षेत्र में विज्ञान का दखल मौजूद है।
सिर्फ प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट ही नहीं वरन खाद्य तेलों, फलों, सब्जियों, अनाजों, यहां तक कि मसालों में भी विज्ञान निहित होता है, किन्तु हमें इसकी जानकारी नहीं होती। यही कारण है कि हम अक्सर ऊल-जलूल खाते रहते हैं और बीमारियों को न्यौता देते रहते हैं।
अगर हम खानपान में छिपे हुए इस विज्ञान को समझ लें, तो न सिर्फ कम खर्च में पौष्टिक भोजन प्राप्त कर सकते हैं, वरन तमाम बीमारियों से भी स्वयं को बचा सकते हैं। और इस काम में आपकी मदद करती है 'खानपान और रसायन' पुस्तक, जिसके लेखक हैं डॉ. कृष्ण कुमार मिश्र।
डॉ. कृष्ण कुमार मिश्र एक चर्चित विज्ञान लेखक हैं और लम्बे समय से विज्ञान लेखन/विज्ञान संचार से सम्बद्ध रहे हैं। उनकी विज्ञान विषयक अब तक लगभग डेढ दर्जन पुस्तकें और लगभग 200 लेख प्रकाश‍ित हो चुके हैं तथा विज्ञान संचार के चर्चित पुरस्कारों/सम्मानों से समादृत हैं। वर्तमान में वे मुंबई के होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केन्द्र, मुम्बई में एसोश‍िएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।
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