What is the central theme of sparsh ch. Bade bhai Sahab--- to be written in hindi only (150-200 words) Please answer correct and fast !!!!
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Explanation:
अभी तुम छोटे हो इसलिए इस काम में हाथ मत डालो अर्थात यह काम मत करो। ऐसा सुनते ही बच्चों के मन में आता है कि काश हम बड़े होते,तो कोई हमें इस तरह नहीं टोकता। लेकिन आप ये मत सोच लेना कि बड़े होने से आपको कुछ भी करने का अधिकार मिल जाता है। घर के बड़े को कई बार वो काम करने से भी पीछे हटना पड़ता है जो उसकी उम्र के दूसरे लड़के बिना सोचे समझे करते हैं क्योंकि वो अपने घर में बड़े नहीं होते।
प्रस्तुत पाठ में भी एक बड़े भाई साहब हैं जो हैं तो छोटे ही परन्तु उनसे छोटा भी एक भाई है। वे उससे कुछ ही साल बड़े हैं परन्तु उनसे बड़ी बड़ी आशाएं की जाती हैं। बड़े होने के कारण वे खुद भी यही चाहते हैं कि वे जो भी करें छोटे भाई के लिए प्रेरणा दायक हो। इस आदर्श स्थिति को बनाये रखने के कारण बड़े भाई साहब का बचपन अदृश्य अर्थात नष्ट हो गया।
Explanation:
मेरे भाई साहब मुझसे पाँच साल बड़े ,लेकिन केवल तीन दर्जे आगे। उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था ,जब मैने शुरू किया लेकिन तालीम जैसे महत्त्व के मामले में वह जल्दबाज़ी से काम लेना पसन्द ना करते थे। इस भवन की बुनियाद बहुत मजबूत डालना चाहते थे ,जिस पर आलीशान महल बन सके।एक साल का काम दो साल में करते थे। कभी कभी तीन साल भी लग जाते थे बुनियाद ही पुख्ता न हो,तो मकान कैसे पायेदार बने।
(लेखक अपने बड़े भाई साहब के बारे में बता रहा है कि वे पढ़ाई को कितना अधिक महत्व देते थे)