What is the difference between sakhi and doha? give example .
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साखी में गुरु अपने अनुभव के आधार पर शिष्य को उपदेश देते हैं। इसको गा कर भी सुनाया जा सकता है। यह संतों द्वारा अपनाई गयी पद्य की एक काव्य धारा है।
कबीर दास जी की साखी -
हरि कृपा तब जानिए, दे मानव अवतार;
गुरु कृपा तब जानिए, मुक्त करे संसार।
दोहा मात्रिक छंद होता है। उसके पहले चरण में 13 मात्रायें और दूसरे में 11 मात्रायें होती हैं।
कबीर दास जी का दोहा -
बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर।।
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Answer:
Doha is a form of self-contained rhyming couplet in poetry composed in Mātrika metre
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