Business Studies, asked by nitrogeneous8253, 1 year ago

What is the history of advertisement in hindi?

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Answered by S4MAEL
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किसी उत्पाद अथवा सेवा को बेचने अथवा प्रवर्तित करने के उद्देश्य से किया जाने वाला जनसंचार विज्ञापन(Advertising) कहलाता है। विज्ञापन विक्रय कला का एक नियंत्रित जनसंचार माध्यम है जिसके द्वारा उपभोक्ता को दृश्य एवं श्रव्य सूचना इस उद्देश्य से प्रदान की जाती है कि वह विज्ञापनकर्ता की इच्छा से विचार सहमति, कार्य अथवा व्यवहार करने लगे।

औद्योगिकीकरण आज विकास का पर्याय बन गया है। उत्पादन बढ़ने के कारण यह आवश्यक हो गया है कि उत्पादित वस्तुआें को उपभोक्ता तक पहुँचाया ही नहीं जाय बल्कि उसे उस वस्तु की जानकारी की दी जाय। वस्तुतः मनुष्य को जिन वस्तुआें की आवश्यकता होती है व उन्हें तलाश ही लेता इसके ठीक विपरीत उसे जिसकी जरूरत नहीं होती वह उसके बारे में सुनकर अपना समय खराब नहीं करना चाहता। इस अर्थ में विज्ञापन वस्तुआें को ऐसे लोगों तक पहुँचाने का कार्य करता है जो यह मान चुके होते है कि उन वस्तुआें की उसे कोई जरूरत नहीं है। आशय यह कि उत्पादित वस्तु को लोकप्रिय बनाने तथा उसकी आवश्यकता महसूस कराने का कार्य विज्ञापन करता है।

Answered by sneha193262
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Answer:

विज्ञापन का इतिहास उतना ही पुराना है जितना मानव सभ्यता का। आदिकाल से लेकर आज तक इस धरती पर किसी न किसी रूप में विज्ञापन का अस्तित्व विद्यमान रहा है। पाषाण युग में पत्थर और धातु के औजारों से आदिम व्यक्ति पेड़ो, चट्टानों आदि पर कुछ मतलब-बेमतलब वाली आकृतियाँ बनाकर अपने-आपको व्यक्त या विज्ञापित ही करता था।

अपने तन को जानवरों की खाल से ढकने से लेकर खेती-बाड़ी की शुरुआत करने तक की विकास की हर प्रारम्भिक अवस्था में अपनी बात कहने समझने के लिए उसने उच्चरित शब्द या संकेतिक माध्यम का प्रयोग किया। जब शब्द नहीं थे तो उसने गूँगों की तरह अपने स्वर का और दैहिक अंगों का प्रदर्शन किया।

आगे चलकर मानवीय सभ्यता के साथ-साथ व्यक्तिगत और सामाजिक अभिव्यक्ति के माध्यम भी बदले और जिसे आज प्रोपेगैण्डा, प्रचार या विज्ञापन कहा जाता है, उसका असपष्ट-सा, अपरिभाषित और धुंधला-सा रूप नजर आने लगा।

ईसा से पूर्व विश्व की अनेक सभ्यताओं से उदाहरण मिलते हैं जिनमें डुगडुगी बजाकर लोगों को इकट्ठा करके सूचना देने की प्रथा थी। प्राचीन मंदिर, स्मारक, महल, पिरामिड आदि सभी उनके निर्माताओं की कलात्मक और विज्ञापन अभिरुचि का संकेत हैं।

शासकों द्वारा अधिकृत रूप से नगर उद्घोषक नियुक्त किए जाते थे जो गली-गली जाकर राजाज्ञाओं एवं अधिकृत सूचनाओं का प्रसारण करते थे। लिपि का जन्म होने से पूर्व तक चीन और यूनान में सूचना देने का काम नगर उद्घोषकों द्वारा ही किया जाता था। आगे चलकर इन नगर उद्घोषकों का इस्तेमाल व्यापारियों द्वारा भी किया जाने लगा जो घोषणा करते थे कि कहाँ क्या चीज उपलब्ध है।

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