Science, asked by vishnu42520, 11 months ago

what is the hydrogen bond in hindi

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Answered by Princess1234567
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Heya....❤❤❤

here is ur answer...

हाइड्रोजन बन्ध एक इलेक्ट्रोनेगेटिव परमाणु और नाइट्रोजन, ऑक्सीजन या फ्लोरीन से जुड़े एक हाइड्रोजन परमाणु के बीच डाइपोल-डाइपोल बल का परिणाम होता है। हाइड्रोजन बन्ध की ऊर्जा (लगभग ५ से ३० किलोजूल/मोल) एक मन्द (वीक) संयोजी (कोवैलेंट) बन्ध (१५५ कि.जी/मोल) से तुलनीय होती है। एक खास संयोजी बन्ध अन्तराण्विक हाइड्रोजन बन्ध से लगभग २० गुना शक्तिशाली होता है। यह बन्ध अणुओं के बीच (अन्तराण्विक), या एक ही अणुके भिन्न भागों के बीच भी बन सकते हैं। हाइड्रोजन बन्ध एक मजबूत स्थिर डाइपोल-डाइपोल वान डर वाल बल होता है, किन्तु संयोजी बंध, आयनिक बन्ध और धात्विक बन्धों से कमज़ोर होता है। हाइड्रोजन बन्ध संयोजी बंध एवं इलेक्ट्रोस्टैटिक अन्तराण्विक आकर्षण के बीच का होता है। इस प्रकार के बन्ध कार्बनिक अणुओं (डी एन ए) एवं अकार्बनिक अणुओं (जल) दोनों में ही पाए जाते हैं।

hope it helps....

plzz mark as brainliest !!!

❤❤❤


Princess1234567: tq jii 4 brainliest ✌
Answered by anildeshmukh
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हाइड्रोजन बन्ध एक इलेक्ट्रोनेगेटिव परमाणु और नाइट्रोजन, ऑक्सीजन या फ्लोरीन से जुड़े एक हाइड्रोजन परमाणु के बीच डाइपोल-डाइपोल बल का परिणाम होता है। हाइड्रोजन बन्ध की ऊर्जा (लगभग ५ से ३० किलोजूल/मोल) एक मन्द (वीक) संयोजी (कोवैलेंट) बन्ध (१५५ कि.जी/मोल) से तुलनीय होती है। एक खास संयोजी बन्ध अन्तराण्विक हाइड्रोजन बन्ध से लगभग २० गुना शक्तिशाली होता है। यह बन्ध अणुओं के बीच (अन्तराण्विक), या एक ही अणुके भिन्न भागों के बीच भी बन सकते हैं।[2] हाइड्रोजन बन्ध एक मजबूत स्थिर डाइपोल-डाइपोल वान डर वाल बल होता है, किन्तु संयोजी बंध, आयनिक बन्ध और धात्विक बन्धों से कमज़ोर होता है। हाइड्रोजन बन्ध संयोजी बंध एवं इलेक्ट्रोस्टैटिक अन्तराण्विक आकर्षण के बीच का होता है। इस प्रकार के बन्ध कार्बनिक अणुओं (डी एन ए) एवं अकार्बनिक अणुओं (जल) दोनों में ही पाए जाते हैं।

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