what is the lakar of the Sanskrit word 'udyanpalobrut' ?
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Explanation:
लट् लकार वर्तमान को कहते हैं । ये सब लकार verbs को बदलने के लिये प्रयोग किये जाते हैं ।
जैसे भू धातु है । जिसका मतलब है 'होना' तो अगर हमें वर्तमान में इसका प्रयोग करना है, तो हम लट् लकार का प्रयोग करते हैं । लकार है कि धातु में क्या बदलाव आयेगा । उसका क्या भाव होगा।
भू (लट्लकार मतलब वर्तमान काल)
प्रथम (अन्य) पुरुष : भवति - भवतः - भवन्ति
मध्यम पुरुष : भवसि - भवथः - भवथ
उत्तम पुरुष : भवामि - भवावः - भवामः
प्रथम पुरुष होता है कोई तीसरा (अन्य) आदमी । मध्यम पुरुष है 'तुम, आप, तुम लोग आदि' । उत्तम पुरुष मतलब 'मैं, हम सब' ।
तो एक संख्या के लिये भवति (प्रथम पुरुष), भवसि (मध्यम पुरुष) और भवामि (उत्तम पुरुष) प्रयोग होगा । उसी तरह दो संख्याओं के लिये भवतः भवथः भवावः, और दो से अधिक संख्याओं के लिये भवन्ति, भवथ, भवामः का प्रयोग होगा ।
जैसे
अहम् पठामि (मैं पढ रहा हूँ । )
अहम् खादामि (मैं खा रहा हूँ )
अहम् वदामि । (मैं बोल रहा हूँ)
त्वम गच्छसि । (तुम जा रहे हो)
सः पठति (वह पढता है)
तौ पठतः (वे दोनो पढते हैं)
ते पठन्ति (वे सब पढते हैं)
युवाम वदथः (तुम दोनो बताते हो )
युयम् वदथ (तुम सब बताते हो, बता रहे हो)
आवाम् क्षिपावः (हम दोनो फेंकते हैं)
वयं सत्यम् कथामः (हम-सब सत्य कहते हैं)
तो अगर अभी कुछ हो रहा है, उसे बताना है तो धातुयों को लकार का रूप देते हैं ।
उसी प्रकार और भी कई लकार हैं ।
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Answer:
उद्यानपालोऽब्रूत is लङ् लकारः आत्मनेपदम्।