what is the lung lacar form of the verb go in sanskrit
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Answer:
सामान्य भूतकाळ
Explanation:
(१) लट् लकार (= वर्तमान काल) जैसे :- श्यामः खेलति । ( श्याम खेलता है।)
(२) लिट् लकार (= अनद्यतन परोक्ष भूतकाल) जो अपने साथ न घटित होकर किसी इतिहास का विषय हो । जैसे :-- रामः रावणं ममार । ( राम ने रावण को मारा ।)
(३) लुट् लकार (= अनद्यतन भविष्यत् काल) जो आज का दिन छोड़ कर आगे होने वाला हो । जैसे :-- सः परश्वः विद्यालयं गन्ता । ( वह परसों विद्यालय जायेगा ।)
(४) लृट् लकार (= सामान्य भविष्य काल) जो आने वाले किसी भी समय में होने वाला हो । जैसे :--- रामः इदं कार्यं करिष्यति । (राम यह कार्य करेगा।)
(५) लेट् लकार (= यह लकार केवल वेद में प्रयोग होता है, ईश्वर के लिए, क्योंकि वह किसी काल में बंधा नहीं है।)
(६) लोट् लकार (= ये लकार आज्ञा, अनुमति लेना, प्रशंसा करना, प्रार्थना आदि में प्रयोग होता है ।) जैसे :- भवान् गच्छतु । (आप जाइए ) ; सः क्रीडतु । (वह खेले) ; त्वं खाद । (तुम खाओ ) ; किमहं वदानि । (क्या मैं बोलूँ ?)
(७) लङ् लकार (= अनद्यतन भूत काल ) आज का दिन छोड़ कर किसी अन्य दिन जो हुआ हो । जैसे :- भवान् तस्मिन् दिने भोजनमपचत् । (आपने उस दिन भोजन पकाया था।)
(८) लिङ् लकार = इसमें दो प्रकार के लकार होते हैं