what is the meaning of samuchayabodhak and vismayadhibodhak avyaya ?
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samuchayabodhak
दो शब्दों, वाक्याँशों अथवा वाक्यों को जोड़ने का कार्य करने वाले अव्यय को भाषा में समुच्चयबोधक अव्यय कहा जाता है। जैसे –
राम और शाम आपस में बातें कर रहे हैं।
सीता की रुमाल मैली है इस लिये वह उसे धो रही है।
पहले वाक्य में और राम व शाम को, दूसरे वाक्य में इस लिये दो वाक्यों को जोड़ रहा है।
vismayadhibodhak
जिन शब्दों में हर्ष, शोक, विस्मय, ग्लानि, घृणा, लज्जा आदि भाव प्रकट होते हैं वे विस्मयादिबोधक अव्यय कहलाते हैं। इन्हें ‘द्योतक’ भी कहते हैं। जैसे-
1.अहा ! क्या मौसम है।
2.उफ ! कितनी गरमी पड़ रही है।
3. अरे ! आप आ गए ?
4.बाप रे बाप ! यह क्या कर डाला ?
5.छिः-छिः ! धिक्कार है तुम्हारे नाम को।
इनमें ‘अहा’, ‘उफ’, ‘अरे’, ‘बाप-रे-बाप’, ‘छिः-छिः’ शब्द आए हैं। ये सभी अनेक भावों को व्यक्त कर रहे हैं। अतः ये विस्मयादिबोधक अव्यय है। इन शब्दों के बाद विस्मयादिबोधक चिह्न (!) लगता है।
दो शब्दों, वाक्याँशों अथवा वाक्यों को जोड़ने का कार्य करने वाले अव्यय को भाषा में समुच्चयबोधक अव्यय कहा जाता है। जैसे –
राम और शाम आपस में बातें कर रहे हैं।
सीता की रुमाल मैली है इस लिये वह उसे धो रही है।
पहले वाक्य में और राम व शाम को, दूसरे वाक्य में इस लिये दो वाक्यों को जोड़ रहा है।
vismayadhibodhak
जिन शब्दों में हर्ष, शोक, विस्मय, ग्लानि, घृणा, लज्जा आदि भाव प्रकट होते हैं वे विस्मयादिबोधक अव्यय कहलाते हैं। इन्हें ‘द्योतक’ भी कहते हैं। जैसे-
1.अहा ! क्या मौसम है।
2.उफ ! कितनी गरमी पड़ रही है।
3. अरे ! आप आ गए ?
4.बाप रे बाप ! यह क्या कर डाला ?
5.छिः-छिः ! धिक्कार है तुम्हारे नाम को।
इनमें ‘अहा’, ‘उफ’, ‘अरे’, ‘बाप-रे-बाप’, ‘छिः-छिः’ शब्द आए हैं। ये सभी अनेक भावों को व्यक्त कर रहे हैं। अतः ये विस्मयादिबोधक अव्यय है। इन शब्दों के बाद विस्मयादिबोधक चिह्न (!) लगता है।
janvi47:
wlcm
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