What is the moral of the story Mahayagya ka puraskar by yashpal
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मनुष्य के पास धन कमा होना ही सब कुछ नहीं होता क्योंकि यदि आप परोपकारी नहीं है तो आपके पास लाख धन हो जाए परंतु यदि आप किसी की मदद नहीं करते तो आप में मनुष्य कहलाने का कोई गुण नहीं है।
मनुष्य वही होता है जो परोपकारी होता है। मनुष्य वह होता है जो दूसरों के गम काम , दूसरे के खुशियों का भागीदारी होता है।
इन सब बातों पर ही यशपाल ने ज़ोर दिया है।
मनुष्य वही होता है जो परोपकारी होता है। मनुष्य वह होता है जो दूसरों के गम काम , दूसरे के खुशियों का भागीदारी होता है।
इन सब बातों पर ही यशपाल ने ज़ोर दिया है।
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hope it helps!
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