What is the summary of naye ilake main and khushboo rachte hain haath?
Answers
kavi yah batana chah rahe hai ki hamari duniya kitni tezi se badal rahi hai,unke ilaka jo wah saalo se jaante the ,woh ab naya ho gaya hai.purane nishanon par bharosa nahi raha aur kavi apna rasta bhatak gaye hai.
khushboo rachte hain haath:-
kavi yah batana chah rahe hai ki jo log aggarbattiyan banate hai, wah kitne gandagi bhare ilake mein kaam karte hain par phir bhi unke haath khushboo rachte hain
hope yeh answer aapka kaam aayega......
नए इलाके में कविता का सार :- प्रस्तुत कविता में कवि वर्तमान समय में चल रहे निर्माण के ऊपर व्यंग करते हुए, यह कहना चाह रहा है कि इस दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं। हर वस्तु को समय के साथ बदलना ही पड़ता है। जिसकी वजह से हमें परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि हम बहुत जल्द ही किसी वस्तु के आदी हो जाते हैं। इसलिए कवि इस कविता में आधुनिक समाज में प्रतिदिन होते निर्माण की बात कर रहे हैं, उनके अनुसार, इस अंधा-धुंध निर्माण की वजह से अब खुद के घर को पहचानना भी मुश्किल हो गया है।
खुशबू रचते हैं हाथ कविता का सार :- प्रस्तुत कविता ‘खुशबू रचते हैं हाथ’ में कवि ने अगरबत्तियाँ बनाने वाले मज़दूरों का चित्रण किया है। उन मज़दूरों में बूढ़े, बच्चे, जवान, स्त्रियाँ, बीमार आदि सभी वर्ग के लोग शामिल हैं। ये सभी लोग स्वयं गंदगी में रहते हैं, किंतु अपनी मेहनत से कई प्रकार की खुशबूदार अगरबत्तियाँ बनाते हैं। उन्हें बनाने में उनके खुद के हाथ ख़राब हो गए हैं। उनके खुद के घर बदबू से भरे हुए है। इसी वजह से कवि ने अपनी विडम्बना व्यक्त की है। उनके अनुसार एक ओर तो दुनिया के सभ्य लोग इन गंदे मुहल्लों में रहने वाले लोगों से घृणा करते हैं, तो दूसरी ओर इन्हीं के गंदे हाथों द्वारा बनायी गयी अगरबत्तियों को भगवान् के सामने जलाकर अपनी इच्छापूर्ति हेतु प्रार्थना करते हैं। अपने घर को सुगन्धित बनाते हैं।