what is vibhakti in hindi
Answers
Answer:
विभक्ति का शाब्दिक अर्थ है - ' विभक्त होने की क्रिया या भाव' या 'विभाग' या 'बाँट'।
व्याकरण में शब्द (संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण) के आगे लगा हुआ वह प्रत्यय या चिह्न विभक्ति कहलाता है जिससे पता लगता है कि उस शब्द का क्रियापद से क्या संबंध है।
संस्कृत व्याकरण के अनुसार नाम या संज्ञाशब्दों के बाद लगनेवाले वे प्रत्यय 'विभक्ति' कहलाते हैं जो नाम या संज्ञा शब्दों को पद (वाक्य प्रयोगार्थ) बनाते हैं और कारक परिणति के द्वारा क्रिया के साथ संबंध सूचित करते हैं। प्रथमा, द्वितीया, तृतीया आदि विभक्तियाँ हैं जिनमें एकवचनं (singular), द्विवचनं, बहुवचन—तीन बचन होते है। पाणिनीय व्याकरण में इन्हें 'सुप' आदि २७ विभक्ति के रूप में गिनाया गया है। संस्कृत व्याकरण में जिसे 'विभक्ति' कहते है, वह वास्तव में शब्द का रूपांतरित अंग होता है। जैसे,—रामेण, रामाय इत्यादि।
आजकल की प्रचलित हिन्दी की खड़ी बोली में इस प्रकार की (संस्कृत की तरह की) विभक्तियाँ प्रायः नहीं हैं, केवल कर्म और सप्रदान कारक के सर्वनामों में विकल्प से आती हैं। जैसे,—मुझे, तुझे, इन्हें इत्यादि। खड़ी बोली में बल्कि संज्ञाओं की तीन कारक हेलो में विभक्ति होती है:- अविकारी, इतर और संबोधन।
नीचे दिया गया श्लोक रामरक्षास्त्रोत्र में आया है और इसे विभक्ति समझाने के लिये उपयोग किया जाता है। इसमें 'राम' शब्द के आठ रूप आये हैं जो क्रमशः आठों विभक्तियों के एकवचन के रूप हैं।
Answer:
Vibhakti in hindi is विभक्त।