What three things ravan taught to lakshman when he was deing in hindi?
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पहली बात, शुभ कार्य को जितना जल्दी हो सके कर डालना चाहिये और अशुभ कार्य को जितना टाला जा सके टाल देना चाहिए यानि शुभस्य शीघ्रम्। मैंने श्रीराम को पहचानने में बहुत देर कर दी और इसी कारण आज मेरी यह हालत हुई है।
2. दूसरी बात, अपने शत्रु को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए। मैं यह भूल कर गया, मैंने जिन्हें साधारण वानर और भालू समझा उन्होंने मेरी पूरी सेना को ख़त्म कर दिया। मैंने जब ब्रह्माजी से अमरता का वरदान माँगा था तब मनुष्य और वानर के अतिरिक्त कोई मेरा वध नहीं कर सके ऐसा कहा था। मैं मनुष्य और वानर को तुच्छ समझता था यह मेरी गलती थी।
3. तीसरी बात, अपने जीवन का कोई राज हो तो उसे किसी को नहीं बताना चाहिए। यहाँ भी मैं गलती कर गया क्योंकि विभीषण मेरी मृत्यु का राज जानता था ये मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती थी
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