what was the colonialव्हाट वास द रीज़न फॉर कॉलोनियल रूल इन इंडियन सोसायटी
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उत्तर उपनिवेशवाद (postcolonialism) अध्ययन की एक शाखा है जिसमें उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद से उत्पन्न होने वाले सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभावों को समझा जाता है। इसमें किसी विदेशी शक्ति द्वारा किसी क्षेत्र पर क़ब्ज़ा होने से स्थानीय लोगों के जीवन पर होने वाले प्रभावों का अध्ययन करा जाता है। उत्तर आधुनिकतावाद के दृष्टिकोण से इन उपनिवेशी या भूतपूर्व उपनिवेशी क्षेत्रों में सूचना व ज्ञान के प्रसार का अध्ययन करा जाता है और यह भी समझा जाता है कि किस प्रकार बाहरी शक्ति स्थानीय लोगों की मानसिकता में हीन भावना उत्पन्न कर के उनपर लम्बे अरसे तक नियंत्रण रखते हैं। विदेशी साम्राज्यवादी शक्ति द्वारा शासक समाज और अधीन समाज की राजनैतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक छवियों को प्रस्तुत करने की शैलियों को भी देखा जाता है, क्योंकि यह भी विदेशी समाज द्वारा स्थानीय समाज को अधीन कर लेने का एक महत्वपूर्ण साधन होता है।