Hindi, asked by souhardikachand4418, 8 months ago

What we can write in the anuched of sangharsh hi safalta ka aadhar hai ???

Answers

Answered by gaurangi7iyer
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Answer:

”इच्छाशक्ति + स्थिरता = संकल्प, संकल्प + कड़ी मेहनत (संघर्ष) = सफलता”

Explanation:

जीवन ‘संघर्ष’ का दूसरा नाम हैं।

संघर्ष! यह एक ऐसा अनुभव है जिससे शायद ही दुनिया का कोई व्यक्ति वंचित हो। हमें बचपन से सिखाया जाता हैं कुछ भी पाने के लिए संघर्ष  करना ही पड़ता है। बिना इसके कभी कुछ हासिल नहीं होता। समाज में प्रतिष्ठा, नाम-शोहरत, रुपया-पैसा, तरक्की या फिर पढ़ाई में अव्वल होना हो, चाहे जो भी लक्ष्य हो उसे प्राप्त करना बिना संघर्ष के संभव नहीं।

इसमें कोई दोराह नहीं की संघर्ष जीवन को तराशता है, निखारता है, सँवारता है और फिर हमें ऐसे साँचे में गढ़ता है जिसकी प्रसिद्धि दुनिया करते नहीं थकती। शायद यही वो मुकाम होता है जिसके लिए मनुष्य अथक प्रयास करते जाता है जिसे हम संघर्ष कहते हैं। इसके पश्चात जो सफलता प्राप्त होती है निसंदेह वो अतुलनीय होती हैं।

संघर्ष जीवन के उतार-चढ़ाव का अनुभव कराता है, अच्छे-बुरे का ज्ञान करवाता हैं, सतत सक्रिय रहना सिखाता है, समय की कीमत सिखाता है जिससे प्रेरित होकर हम सशक्तिकरण के साथ फिर से अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होते है और जीवन जीने के सही तरीके को सीखते हैं।

दुनिया का हर व्यक्ति जीवन में सफलता की उम्मीद करता हैं जिसके लिए वो अथक प्रयास भी करता है। कई बार कुछ अलग करने की चाह और प्रबल प्रेरणा से व्यक्ति अपने मुकाम के करीब पहुँच भी जाता है लेकिन कुछ कठिन संघर्ष को सामने देख सफलता से वंचित हो जाता है।

वे नहीं जान पाते की उनके साथ ऐसा क्यों होता है जिस कारण उनके सपने अधूरे रह जाते है और जीवन के अंतिम पलों तक उनकी इच्छाएँ आधी-अधूरी रह जाती है। ऐसी इच्छाएँ उन्हें अपने जीवन से निराश करती है क्योंकि अधिकांश लोग अपने संपूर्ण जीवन में यह जान ही नहीं पाते की सफलता कैसे हासिल हो।  आगे बढ़कर भी अगर सफलता ना मिल पाई तो भी कोई बात नहीं कम से कम अनुभव तो नया होगा। बार-बार हार के भी हिम्मत के साथ अपने टारगेट की तरफ कदम बढ़ाना ही संघर्ष है। अपनी हर असफलता से कुछ सीखिए और निडरता के साथ संघर्ष का दामन थाम के मंजिल की ओर आगे बढ़िए।

जब तक जीवन में संघर्ष नहीं होता तब तक जीवन जीने के अंदाज को, सच्ची खुशी को, आनंद को, सफलता को अनुभव भी नहीं कर सकते। जिस तरह बिना चोट के पत्थर भी भगवान नहीं होता। ठीक उसी तरह मनुष्य का जीवन भी संघर्ष की तपिश के बिना ना तो निखर सकता है, ना शिखर तक पहुँच सकता है और ना ही मनोवांछित सफलता पा सकता है। क्योंकि ”संघर्ष हमारे जीवन का सबसे बड़ा वरदान है और वो हमें सहनशील, संवेदनशील और देवतुल्य बनाता हैं।” संघर्ष के इस सूत्र को समझिए और उसपर चलने की कोशिश कीजिए। यकीन मानिए आप जीवन को एक अलग रूप से देखने लगेंगे।

आशा है कि आपको मेरे उत्तर से लाभ हुआ होगा

धन्यवाद

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