Which type of demand charges we pay for electricity meaning in hindi?
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उद्यमियों को मांग के अनुसार 75 फीसदी पैसा निगम के पास जमा करना होगा। निगम ने अब आगे की रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
नोएडा में सात हजार से ज्यादा औद्योगिक इकाईयां हैं। बिजली बिल में फिक्स चार्ज का उद्यमी विरोध करते रहे हैं। कोर्ट के फैसले के बाद फिक्स चार्ज पर निगम और उद्यमियों में चल रहा आरोप-प्रत्यारोप थम जाएगा।
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सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर अरविंद राजबेदी ने बताया कि फिक्स चार्ज टैरिफ का ही पार्ट है। फिक्स चार्ज ग्रिड से फैक्ट्रियों तक पहुंचने वाली लाइन के मेंटिनेंस पर खर्च होता है। उद्यमियों की मांग थी कि इस्तेमाल का बिल लिया जाए। वहीं, लाइन की देखरेख भी उन्हीं की जिम्मेदारी है।
राजबेदी का कहना है कि फिक्स चार्ज पर स्थिति साफ होने के बाद निगम रणनीति बनाएगा, जिसमें सभी उद्यमियों को इसकी जानकारी दी जाएगी। फिक्स चार्ज का आकलन डिमांड पर होता है। अगर कोई यूनिट एक हजार केवीए की मांग करती है तो उसे 75 फीसदी के हिसाब से भुगतान करना ही होगा। भले ही बिजली खपत उतनी हो या फिर नहीं।