Who's answer is correct, I will mark his/her BRAINLIEST.
If it's wrong I will report it.
_( IN HINDI )_
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यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो, सबसे पहले मेरा कर्तव्य स्वतंत्र भारत के नागरिकों के लिए विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए, पूरी सख्ती और निष्ठुरता से काम लेकर एक राष्ट्रीय चरित्र निर्माण करने वाली शिक्षा एवं उपायों पर बल देता । छोटी-बडी विकास-योजनाएँ आरम्भ करने से पहले यदि हमारे अभी तक के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय चरित्र-निर्माण की ओर ध्यान देते और उसके बाद विकास-योजनाये चालू करते तो वास्तव में उनका लाभ आस आदमी तक भी पहुच पाता । आज हमारी योजनायें एवं सभी सरकारी-अर्द्धसरकारी विभाग आकण्ठ निठल्लेपन और भ्रष्टाचार में डूब कर रह गए हैं एक राष्ट्रीय चरित्र होने पर इस प्रकार की सम्भावनाएँ स्वत: ही समाप्त हो जातीं । इस कारण यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो प्राथमिक आधार पर यही कार्य करता ।
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