Hindi, asked by sonnali2989, 1 year ago

Who translated the Sanskrit Ramayana in bengali

Answers

Answered by jayathakur3939
2

महाकवि कृत्तिवास ओझा नें  संस्कृत रामायण का बंगला भाषा में अनुवाद किया

महाकवि कृत्तिवास ओझा (बांग्ला: কৄত্তিবাস ওঝা) या 'कीर्तिवास ओझा' (1381–1461) मध्यकाल में जन्मे बांग्ला भाषा के अत्यंत लोकप्रिय कवि थे जिन्होंने बंगला भाषा में वाल्मीकि रामायण का सर्वप्रथम पद्यानुवाद किया। उनका यह अनुवाद अविकल अनुवाद नहीं है। उन्होंने अपनी कल्पनाशक्ति एवं काव्यशक्ति द्वारा चरित्रों एवं घटनाओं का चित्रण कहीं-कहीं पर भिन्न रूप में किया है। इनके काव्य में पात्रों के भीतर कुछ अधिक कोमलता दिखाई गई है।

करुण रस की भी अधिक गहरी अनुभूति है। बाल्मीकि के राम क्षत्रिय वीर हैं; जो वीरत्व, शौर्य एवं बल में अद्वितीय हैं, परंतु कृत्तिवास ने राम की कुसुमकोमल मूर्ति ही देख पाई है। उनके राम का तन नवनी जिनिया अति सुकोमल है और वे हाथ में फूल धनु लेकर वन जाते हैं। परंतु जहाँ तक बाल्मीकि रामायण के उच्च आदर्शों का प्रश्न हैं, कृत्तिवास ने उन सबको अपनी रचना में अक्षुण रखा है। पितृभक्ति, सत्यनिष्ठा, त्याग, प्रजानुरंजन, पातिव्रत्य इत्यादि सब आदर्शों का सफलतापूर्वक प्रतिपादन किया गया है।

मान्यता है सर्वप्रथम श्रीराम की कथा भगवान शंकर ने देवी पार्वती को सुनाई थी। उस कथा को एक कौवे ने भी सुन लिया। उसी कौवे का पुनर्जन्म कागभुशुण्डि के रूप में हुआ। काकभुशुण्डि को पूर्व जन्म में भगवान शंकर के मुख से सुनी वह रामकथा पूरी की पूरी याद थी।  उन्होंने यह कथा अपने शिष्यों को सुनाई। इस प्रकार रामकथा का प्रचार-प्रसार हुआ। भगवान शंकर के मुख से निकली श्रीराम की यह पवित्र कथा 'अध्यात्म रामायण' के नाम से विख्यात है |

हालांकि रामायण के बारे में एक मत और प्रचलित है और वो यह है कि सबसे पहले रामायण हनुमानजी ने लिखी थी, फिर महर्षि वाल्मीकि संस्कृत महाकाव्य 'रामायण' की रचना की। रामायण के बाद से ही श्रीराम कथा को कई भाषाओं में रामायण या फिर इसके समकक्ष नामों से लिखा गया।

हनुमान जी ने इसे एक शिला पर लिखा था। यह रामकथा वाल्मीकि की रामायण से भी पहले लिखी गई थी और 'हनुमन्नाटक' के नाम से प्रसिद्ध है। इस तरह भगवान श्रीराम आज भी दुनिया की कई रामायणों में जीवित हैं। जो सदियों तक रहेंगे।

Similar questions