Why did the author of baat athani ki give the title baat athani ki
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singhboy
Singhboy · Genius
अठन्नी का चोर कहानी का सारांश इस कहानी का मुख्य पात्र रसीला , एक इंजीनियर जगतबाबू के घर मात्र दस रुपया की मासिक तनख्वा पर नौकरी करता था। रसीला के बच्चे , पत्नी और पिता गाँव मे रहते है जिनका पालन पोषण रसीला के भेजे गए पैसों से होता था। इतने कम वेतन से रसीला और उसके परिवार का गुजारा बहुत मुश्किल से होता और जगत बाबू भी रसीला का वेतन नहीं बढ़ाते। इंजीनियर साब के घर के पड़ोस मे ही मजिस्ट्रेट शेख साहब का घर था। शेख साहब के घर का नौकर रमजान और रसीला मे अछि मित्रता थी। एक बार रसीला के बच्चे की तबीयत खराब हो जाती है और गाँव मदद भेजने के लिए उसके पास रुपए नहीं होते । तभी रमजान उसे पाँच रूपय देता है । रसीला उन पाँच रूपय मे से साढ़े चार रूपय तो चुका देता है , परंतु अठन्नी फिर भी बाकी रह जाती है । इस अठन्नी को अदा न कर पाने की वजह से रसीला काफी दुखी रहता था । इसी बीच एक बार रसीला जगत बाबू को 500 रूपय की रिश्वत लेते हुये सुन लेता है। यह बात वह रमजान को बताता है , तब रमजान कहता है कि शेख साब भी रिश्वत लेते है आज ही एक आदमी आया था , कम से कम 1000 रूपय की रिश्वत ली होगी। एक दिन जगत बाबू , रसीला को मिठाई लाने के लिए पाँच रूपय देते हैं । रसीला के मन मे पाप आ जाता है और वह हलवाई से साढ़े चार रूपय की मिठाई खरीदता है और अठन्नी बचाकर , रमजान का कर्ज अदा कर देता है। परंतु चोरी करने का अनुभव न होने के कारण ,रसीला की चोरी पकड़ी जाती है । इंजीनियर साब रसीला को बहुत मारते है और पुलिस के हवाले कर देते है। पुलिस वाले को भी जगत बाबू 5 रूपय रिश्वत दे देते है । मामला मजिस्ट्रेट शेख साब के पास पहुंचता है और रसीला को 6 महीने की सजा हो जाती है। रमजान इससे व्यथित होकर घर जाता है तो दासी कहती है अच्छा हुआ जो चोर को सजा हो गई। तब रमजान क़हता है इस अठन्नी के चोर को तो सजा हो गई लेकिन उन 500 , 100 और 5 रूपय के चोरो का क्या, जो सभ्यता का आडंबर कर चैन से सो रहे हैं ? अठन्नी का चोर सुदर्शन की एक शिक्षाप्रद कहानी है जो , रिश्वत खोरी पर कटाक्ष करती है।
Singhboy · Genius
अठन्नी का चोर कहानी का सारांश इस कहानी का मुख्य पात्र रसीला , एक इंजीनियर जगतबाबू के घर मात्र दस रुपया की मासिक तनख्वा पर नौकरी करता था। रसीला के बच्चे , पत्नी और पिता गाँव मे रहते है जिनका पालन पोषण रसीला के भेजे गए पैसों से होता था। इतने कम वेतन से रसीला और उसके परिवार का गुजारा बहुत मुश्किल से होता और जगत बाबू भी रसीला का वेतन नहीं बढ़ाते। इंजीनियर साब के घर के पड़ोस मे ही मजिस्ट्रेट शेख साहब का घर था। शेख साहब के घर का नौकर रमजान और रसीला मे अछि मित्रता थी। एक बार रसीला के बच्चे की तबीयत खराब हो जाती है और गाँव मदद भेजने के लिए उसके पास रुपए नहीं होते । तभी रमजान उसे पाँच रूपय देता है । रसीला उन पाँच रूपय मे से साढ़े चार रूपय तो चुका देता है , परंतु अठन्नी फिर भी बाकी रह जाती है । इस अठन्नी को अदा न कर पाने की वजह से रसीला काफी दुखी रहता था । इसी बीच एक बार रसीला जगत बाबू को 500 रूपय की रिश्वत लेते हुये सुन लेता है। यह बात वह रमजान को बताता है , तब रमजान कहता है कि शेख साब भी रिश्वत लेते है आज ही एक आदमी आया था , कम से कम 1000 रूपय की रिश्वत ली होगी। एक दिन जगत बाबू , रसीला को मिठाई लाने के लिए पाँच रूपय देते हैं । रसीला के मन मे पाप आ जाता है और वह हलवाई से साढ़े चार रूपय की मिठाई खरीदता है और अठन्नी बचाकर , रमजान का कर्ज अदा कर देता है। परंतु चोरी करने का अनुभव न होने के कारण ,रसीला की चोरी पकड़ी जाती है । इंजीनियर साब रसीला को बहुत मारते है और पुलिस के हवाले कर देते है। पुलिस वाले को भी जगत बाबू 5 रूपय रिश्वत दे देते है । मामला मजिस्ट्रेट शेख साब के पास पहुंचता है और रसीला को 6 महीने की सजा हो जाती है। रमजान इससे व्यथित होकर घर जाता है तो दासी कहती है अच्छा हुआ जो चोर को सजा हो गई। तब रमजान क़हता है इस अठन्नी के चोर को तो सजा हो गई लेकिन उन 500 , 100 और 5 रूपय के चोरो का क्या, जो सभ्यता का आडंबर कर चैन से सो रहे हैं ? अठन्नी का चोर सुदर्शन की एक शिक्षाप्रद कहानी है जो , रिश्वत खोरी पर कटाक्ष करती है।
ree1687:
i want to know why he gave the title Baat athani ki
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11
Hope it helps..!! Plzz give me marks bainally
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