why do your parents tell you to behave yourself?
Answers
Explanation:
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर प्रत्येक लगभग 20 शब्दों में लिखिए- निर्मम कुम्हार की थापी से कितने रूपों में कुटी-पुटी हर बार बिखेरी गई किंतु मिट्टी फिर भी तो नहीं मिटी। आशा में निश्छल पल जाए, छलना में पड़कर छल जाए सूरज दमके तो तप जाए, रजनी ठुमके तो ढल जाए यों तो बच्चों की गुड़िया-सी, भोली मिट्टी की हस्ती क्या आँधी आए तो उड़ जाए, पानी बरसे तो गल जाए। फ़सलें उगतीं, फ़सलें कटती लेकिन धरती अविनश्वर है। मिट्टी की महिमा मिटने में मिट-मिट हर बार सँवरती है। मिट्टी मिट्टी पर मिटती है, मिट्टी मिट्टी को रचती है। क) ‘भोली मिट्टी की हस्ती क्या’ कवि ने ऐसा क्यों कहा है? ख) वे कौन सी परिस्थितियाँ हैं, जो मिट्टी के स्वरूप को मिटाने में असफल रहती हैं ? ग) सूरज के दमकने पर मिट्टी पर क्या प्रभाव पड़ता है? घ) धरती के सदा उर्वर रहने का क्या प्रमाण है? ङ) मिटाने का प्रयास करने पर भी धरती कैसी रहती है?
Answer:
hey it is in my book also I would love to answer
Explanation:
if we do not behave ourseleves people would think bad about us. our parents love us and they do not want that everybody would think bad about their children. so that is why, our parents tell us to behave ourselves