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Answers
1- देश प्रेम के लिए किसी आकर्षण की आवश्यकता नहीं होती बल्कि वह तो अपनी भूमि के प्रति मनुष्य मात्र की स्वाभाविक ममता है
2- आज ऐसे लोगों की आवश्यकता नहीं है जो मासी भूमि के नारे लगाने से ही देश प्रेम वक्ता होते हैं कुछ लोग समझते हैं कि मातृभूमि के नारे लगाने से ही वह देश प्रेम रखता है दिनभर बेदाग बलिदान और गीता की कथा सुनाते हैं थकते नहीं लेकिन परीक्षा की गहरी आने पर भाग खड़े होते हैं ऐसे लोग स्वास्थ्य त्याग जान जोखिम में डालकर देश की सेवा क्या करेंगे
3‐प्रस्तुत कंधार उसको भरकर हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें देश प्रेम के लिए किसी आकर्षण की आवश्यकता नहीं होती बल्कि वह तो अपनी भूमिका प्रति मनुष्य मात्र की ममता है ,ऐसे लोग जो दिन भर त्याग बलिदान और वित्त की कथा सुनाते थकते नहीं वे समय आने पर भाग खड़े होते हैं ऐसे लोग स्वार्थी होते हैं वह अपने जानवरों की मिलाकर क्या देश की सेवा करेंगे ऐसे लोगों की आज हमारे बिल्कुल जरूरत नहीं