Write a 150 word essay on the works of the missionaries of charity in kolkata
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मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी, एक रोमन कैथोलिक स्वयंसेवी धार्मिक संगठन है, जो विश्व-भर में मानवीय कार्यों में संमग्न है। इसकीकी शुरुआत एवं स्थापना, कलकत्ता की संत टेरेसा, जिन्हें मदर टेरेसा के नाम से जाना जाता है, ने १९५० में की थी। आज यह विश्व के 120 से भी अधिक देशों में विभिन्न मानवीय कार्यों में संमग्न 4500 से भी अधिक ईसाई मिशनरियों की मंडली है। इस मंडल में शामिल होने के लिए एक इच्छुक व्यक्ति को नौ वर्षों की सेवा और परिक्षण के बाद, सारे ईसाई धार्मिक मूल्यों पर खरा उतार कर इस अंगठं के विभिन्न कार्यों में अपनी सेवा देने के बाद ही शामिल किया जाता है। सदस्यों को चार प्रणों के प्रति इग्नोष्ट रहना हॉट है:पवित्रता, दरिद्रता, आज्ञाकारिता और चौथा प्रण यह की वे "तहे दिल से गरिब से गरिब इंसान की सेवा" में अपना जीवन व्यतीत करेंगे।
इस मंडली के मिशनरी विश्व भर में, गरीब, बीमार, शोषित और वंचित लोगों की सेवा और सहायता में अपना योगदान देते हैं, तथा शरणार्थियों, अनाथों, दिव्यांजनों, युद्धपीड़ितों, वयस्कों और एड्स तथा अन्य घातक रोगों से पीड़ित लोगों की सेवा करते हैं। इसके अलावा वे अनाथ और बेघर बच्चों को शिक्षा एयर भोजन भी प्रदान करते हैं। साथ ही वे अनेक अनाथआश्रम, वृद्धाश्रम और अस्पताल भी प्रबंधित करते हैं। यह साडी सेवाएँ, निःशुल्क, और लाभार्थी के धर्म से बेपरवाह किया जाता है। इस संहाथन का मुख्यालय कोलकाता है।
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