Hindi, asked by janhvilalchandani, 11 months ago

write a 150 words on pustakon ka mahtva​

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पुस्तकों का महत्व

पुस्तकों का महत्वपुस्तकों में हमें ज्ञान की प्राति होती है। पुस्तकों के माध्यम से हम तरह-तरह की बातें जान सकते हैं। अच्छी पुस्तकें हमारे लिए बहुत लाभदायक होती है। इस प्रकार की पुस्तकों में हमें अच्छी और नई-नई बातों की जानकारी मिलती है, हमारा ज्ञान बढ़ता है। अच्छी पस्तकें सबसे अच्छी दोस्त होती है। मैं हमेशा अच्छी पुस्तकें पढ़ता हूं।

पुस्तकों का महत्वपुस्तकों में हमें ज्ञान की प्राति होती है। पुस्तकों के माध्यम से हम तरह-तरह की बातें जान सकते हैं। अच्छी पुस्तकें हमारे लिए बहुत लाभदायक होती है। इस प्रकार की पुस्तकों में हमें अच्छी और नई-नई बातों की जानकारी मिलती है, हमारा ज्ञान बढ़ता है। अच्छी पस्तकें सबसे अच्छी दोस्त होती है। मैं हमेशा अच्छी पुस्तकें पढ़ता हूं।वैसे तो मैंने बहुत सारी पुस्तकें पढ़ी हैं, किंतु ‘रामचरितमानस’ ने मुझे अत्याधिक प्रभावित किया है। यह एक धार्मिक ग्रंथ ही नहीं वरन साहित्यिक ग्रंथ भी है। प्रत्येक हिंदू इस ग्रंथ की देवता की तरह पूजा करता है। यह एक काव्य-ग्रंथ है, जो अवधी भाषा में लिखा गया है। इसमें चौपाई और दोहे हैं, जिन्हें गाया भी जाता है। इसके रचयिता गोस्वामी तुलसीदास हैं। हिंदी साहित्य में उनका उल्लेखनीय स्थान है। वे रामभक्त कवि थे। इस पवित्र पुस्तक ने मुझे इतना अधिक प्रभावित किया है कि मैं इसका वर्णन नहीं कर सकता। यह एक सरल पुस्तक है। इसकी भाषा सरल है। यह एक बहुमूल्य और आदर्श पुस्तक है। इस पुस्तक में हमें आध्यात्मिक ज्ञान, कर्तव्य-पालन, बड़ों का सम्मान तथा मुसीबत में धैर्य रखने की शिक्षा मिलती है।

पुस्तकों का महत्वपुस्तकों में हमें ज्ञान की प्राति होती है। पुस्तकों के माध्यम से हम तरह-तरह की बातें जान सकते हैं। अच्छी पुस्तकें हमारे लिए बहुत लाभदायक होती है। इस प्रकार की पुस्तकों में हमें अच्छी और नई-नई बातों की जानकारी मिलती है, हमारा ज्ञान बढ़ता है। अच्छी पस्तकें सबसे अच्छी दोस्त होती है। मैं हमेशा अच्छी पुस्तकें पढ़ता हूं।वैसे तो मैंने बहुत सारी पुस्तकें पढ़ी हैं, किंतु ‘रामचरितमानस’ ने मुझे अत्याधिक प्रभावित किया है। यह एक धार्मिक ग्रंथ ही नहीं वरन साहित्यिक ग्रंथ भी है। प्रत्येक हिंदू इस ग्रंथ की देवता की तरह पूजा करता है। यह एक काव्य-ग्रंथ है, जो अवधी भाषा में लिखा गया है। इसमें चौपाई और दोहे हैं, जिन्हें गाया भी जाता है। इसके रचयिता गोस्वामी तुलसीदास हैं। हिंदी साहित्य में उनका उल्लेखनीय स्थान है। वे रामभक्त कवि थे। इस पवित्र पुस्तक ने मुझे इतना अधिक प्रभावित किया है कि मैं इसका वर्णन नहीं कर सकता। यह एक सरल पुस्तक है। इसकी भाषा सरल है। यह एक बहुमूल्य और आदर्श पुस्तक है। इस पुस्तक में हमें आध्यात्मिक ज्ञान, कर्तव्य-पालन, बड़ों का सम्मान तथा मुसीबत में धैर्य रखने की शिक्षा मिलती है।प्रत्येक छात्र को अच्छी और शिक्षाप्रद पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। इससे विद्यार्थियों के चरित्र-निर्माण पर गहरा असर पड़ता है। इस पुस्तक को पढऩे से धर्म के मार्ग पर चलने की सीख मिलती है। इसलिए मेरी दृष्टि में ‘रामचरितमानस’ बहुत ही अच्छी पुस्तक है। ‘रामचरितमानस’ में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरित्र का वर्णन है। राम एक आदर्श पुरुष थे। वे चौदह वर्ष तक लक्ष्मण व सीताजी सहित वन में रहे। वे एक आदर्श राजा थे। उन्होंने प्रजा की बातों को बहुत महत्व दिया। राम का शासनकाल आदर्शपूर्ण था, इसलिए उनका शासन ‘राम राज’ कहलाता है। सीता एक आदर्श नारी थीं। लक्ष्मण की भातृभक्ति प्रशासंनीय है

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