Hindi, asked by itsmeDEVIL, 7 months ago

Write a 2 minutes speech on the following topics in Hindi----
विषय
1. ‌ नैतिक पतन : देश का पतन
2. ऑनलाइन शिक्षा: आज का एक सशक्त माध्यम
3. कोविड-19 के घातक प्रभाव
4. आज के युग में मीडिया का बढ़ता प्रभाव
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Answers

Answered by atharvwalia
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Answer:

आज के दौर में सोशल मीडिया जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है जिसके बहुत सारे फीचर हैं, जैसे कि सूचनाएं प्रदान करना, मनोरंजन करना और शिक्षित करना मुख्य रूप से शामिल हैं।

सोशल मीडिया एक अपरंपरागत मीडिया (nontraditional media) है। यह एक वर्चुअल वर्ल्ड बनाता है जिसे इंटरनेट के माध्यम से पहुंच बना सकते हैं। सोशल मीडिया एक विशाल नेटवर्क है, जो कि सारे संसार को जोड़े रखता है। यह संचार का एक बहुत अच्छा माध्यम है। यह द्रुत गति से सूचनाओं के आदान-प्रदान करने, जिसमें हर क्षेत्र की खबरें होती हैं, को समाहित किए होता है।

सोशल मीडिया (Social Media) सकारात्मक भूमिका अदा करता है जिससे किसी भी व्यक्ति, संस्था, समूह और देश आदि को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध बनाया जा सकता है। सोशल मीडिया के जरिए ऐसे कई विकासात्मक कार्य हुए हैं जिनसे कि लोकतंत्र को समृद्ध बनाने का काम हुआ है जिससे किसी भी देश की एकता, अखंडता, पंथनिरपेक्षता, समाजवादी गुणों में अभिवृद्धि हुई है।

हम ऐसे कई उदाहरण देखते हैं, जो कि उपरोक्त बातों को पुष्ट करते हैं जिनमें 'INDIA AGAINST CORRUPTION' को देख सकते हैं, जो कि भ्रष्टाचार के खिलाफ महाअभियान था जिसे सड़कों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी लड़ा गया जिसके कारण विशाल जनसमूह अन्ना हजारे के आंदोलन से जुड़ा और उसे प्रभावशाली बनाया।

2014 के आम चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों ने जमकर सोशल मीडिया का उपयोग कर आमजन को चुनाव के जागरूक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। इस आम चुनाव में सोशल मीडिया के उपयोग से वोटिंग प्रतिशत बढ़ा, साथ ही साथ युवाओं में चुनाव के प्रति जागरूकता बढ़ी। सोशल मीडिया के माध्यम से ही 'निर्भया' को न्याय दिलाने के लिए विशाल संख्या में युवा सड़कों पर आ गए जिससे सरकार दबाव में आकर एक नया एवं ज्यादा प्रभावशाली कानून बनाने पर मजबूर हो गई।

लोकप्रियता के प्रसार में सोशल मीडिया एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म है, जहां व्यक्ति स्वयं को अथवा अपने किसी उत्पाद को ज्यादा लोकप्रिय बना सकता है। आज फिल्मों के ट्रेलर, टीवी प्रोग्राम का प्रसारण भी सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है। वीडियो तथा ऑडियो चैट भी सोशल मीडिया के माध्यम से सुगम हो पाई है जिनमें फेसबुक, व्हॉट्सऐप, इंस्टाग्राम कुछ प्रमुख प्लेटफॉर्म हैं।

सोशल मीडिया जहां सकारात्मक भूमिका अदा करता है वहीं कुछ लोग इसका गलत उपयोग भी करते हैं। सोशल मीडिया का गलत तरीके से उपयोग कर ऐसे लोग दुर्भावनाएं फैलाकर लोगों को बांटने की कोशिश करते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक और नकारात्मक जानकारी साझा की जाती है जिससे कि जनमानस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

कई बार तो बात इतनी बढ़ जाती है कि सरकार सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल करने पर सख्त हो जाती है और हमने देखा है कि सरकार को जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध तक लगाना पड़ता है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में हुए किसान आंदोलन में भी सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया ताकि असामाजिक तत्व किसान आंदोलन की आड़ में किसी बड़ी घटना को अंजाम न दे पाएं।

जिस प्रकार एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, ठीक उसी प्रकार सोशल मीडिया के भी दो पक्ष हैं, जो इस प्रकार हैं-

दैनिक जीवन में सोशल मीडिया का प्रभाव

• यह बहुत तेज गति से होने वाला संचार का माध्यम है

• यह जानकारी को एक ही जगह इकट्ठा करता है

• सरलता से समाचार प्रदान करता है

• सभी वर्गों के लिए है, जैसे कि शिक्षित वर्ग हो या अशिक्षित वर्ग

• यहां किसी प्रकार से कोई भी व्यक्ति किसी भी कंटेंट का मालिक नहीं होता है।

• फोटो, वीडियो, सूचना, डॉक्यूमेंटस आदि को आसानी से शेयर किया जा सकता है

सोशल मीडिया का दुष्प्रभाव

• यह बहुत सारी जानकारी प्रदान करता है जिनमें से बहुत सी जानकारी भ्रामक भी होती है।

• जानकारी को किसी भी प्रकार से तोड़-मरोड़कर पेश किया जा सकता है।

• किसी भी जानकारी का स्वरूप बदलकर वह उकसावे वाली बनाई जा सकती है जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं होता।

• यहां कंटेंट का कोई मालिक न होने से मूल स्रोत का अभाव होना।

• प्राइवेसी पूर्णत: भंग हो जाती है।

• फोटो या वीडियो की एडिटिंग करके भ्रम फैला सकते हैं जिनके व्दारा कभी-कभी दंगे जैसी आशंका भी उत्पन्न हो जाती है।

• सायबर अपराध सोशल मीडिया से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या है।

Answered by payal8619
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कोविड-19 के घातक प्रभाव

वैज्ञानिकों के अनुसार, इस कोविड 19 के दौर में मस्तिष्क की एक गंभीर समस्या, एक्यूट डिसेमिनेटेड एन्सेफलोमाइलाइटीस, उभर कर सामने आई है और इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लन्दन के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजी में इस वैश्विक महामारी के दौर के पहले औसतन महीने में एक मरीज इसका इलाज कराने आता था, पर महामारी के दौर में यह संख्या सप्ताह में तीन मरीज तक पहुंच गई है। यह एक जटिल बीमारी है और जानलेवा भी हो सकती है। एक 59 वर्षीय महिला की इलाज के दौरान मृत्यु हो चुकी है, एक 55 वर्षीय महिला को गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्याएं उत्पन्न हो गयीं हैं और तीसरी महिला जिसकी उम्र 47 वर्ष है, उसके मस्तिष्क में भयानक सूजन आ गई है

ऑनलाइन शिक्षा: आज का एक सशक्त माध्यम

आजकल वर्तमान जीवन में ऑनलाइन शिक्षा का बोलबाला है। ऑनलाइन शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जहाँ शिक्षक दूर से और दुनिया के किसी भी कोने से इंटरनेट के माध्यम से जुड़ सकता है। शिक्षक स्काइप ,ज़ूम इत्यादि एप्प के ज़रिये वीडियो कॉल करते है और बच्चे लैपटॉप या कंप्यूटर पर शिक्षक को देख और सुन सकते है।

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