Write a anuched on 'Desh prem' ya 'Desh ki unnati ke liye aap kya - kya kar sakte hain for class 7 in hindi in 300-350
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⠀⠀⠀ ⠀ देश प्रेम :–
“जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें जिसमें रसधार नहीं वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं ”
हम जिस समाज या देश में जन्म लेते हैं उसकी उन्नति में समुचित सहयोग देना हमारा परम कर्तव्य है | स्वदेश के प्रति यही कर्तव्य भावना इसके प्रति प्रेम तथा स्वदेश प्रेम में देशभक्ति का मूल स्त्रोत है | कोई भी देश साधारण एवं निष्प्राण भूमिका का केवल ऐसा टुकड़ा नहीं होता जिसे मानचित्र द्वारा दर्शाया जाता है | देश का निर्माण उसकी सीमाओं से नहीं बल्कि इसमें रहने वाले लोगों एवं उनके सांस्कृतिक पहलुओं से होता है | लोग अपने प्रत्येक संस्कृतिक पहचान एवं अपने जीवन मूल्यों को बनाए रखने के लिए अपने देश की सीमाओं से बँधकर इसके लिए अपने प्राण न्यौछावर करने को तत्पर रहते हैं,यही कारण है कि देश प्रेम की भावना देश की उन्नति का परिचायक होती है| स्वदेश प्रेम यद्यपि मन की भावना है तथा इसकी अभिव्यक्ति हमारे क्रियाकलापों से हो जाती है| देशप्रेमी सदा अपने देश के प्रति कर्तव्यों के पालन हेतु तत्पर रहता है | देश की आजादी के लिए मंगल पांडे, लक्ष्मीबाई सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद,राजगुरु व सुखदेव जैसे लोगों के बलिदानों को भला कौन भूल सकता है | देश प्रेम को किसी क्षेत्र एवं सीमा से नहीं बांधा जा सकता | हमारे जिस कार्य से देश की उन्नति हो वह देश प्रेम की सीमा में आता है | अपने प्रजातंत्रात्मक देश में हम अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए ईमानदार एवं देशभक्त जनप्रतिनिधि का चयन कर देश को जाति,संप्रदाय तथा प्रांतीयता की राजनीति से मुक्त कर इसके विकास में सहयोग कर सकते हैं | अशिक्षा,निर्धनता,बेरोजगारी, व्यभिचार एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ कर हम अपने देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर कर सकते हैं| हम समय पर टैक्स का भुगतान का देश की प्रगति में सहायक हो सकते हैं| इस तरह किसान, मजदूर,शिक्षक, सरकारी कर्मचारी एवं सैनिक सभी लोग अपने कर्तव्य द्वारा समुचित रूप में देशभक्ति का उदाहरण दे सकते हैं | लेकिन नागरिकों में देश प्रेम का अभाव राष्ट्रीय एकता की सबसे बड़ी बाधा के रूप में कार्य करता है | राष्ट्र की आंतरिक शांति एवं व्यवस्था और बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिए राष्ट्रीय एकता परम आवश्यक है |यदि हम भारतवासी किसी कारणवश छिन्न - भिन्न हो जाए तो हमारी पारस्परिक मुठभेड़ से अन्य देश हमारी स्वतंत्रता को हड़पने करने का प्रयास करेंगे | इस प्रकार राष्ट्रीय एकता परम आवश्यक है तभी संभव है जब देश के प्रति अपने कर्तव्य का पालन किया जाए | इससे हमारा देश विकास में समस्याओं का सामना कर सकता और पूरे विश्व में अपना नाम गौरवान्वित कर सकता है |