write a assay on prem vistar or swarth sankuchan in Hindi in 750 words
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प्रेम विस्तार है, इसलिए प्रेम जीवन का सिद्धांत है, वह जो प्रेम करता है जीता है| प्रेम नाम से पता चल रहा है , आपस में प्यार , भावना | प्रेम से हम सब का दिन जीत सकते है और सब कुछ हासिल कर सकते है |
प्रेम लोगों को आपस में जोड़ कर रखता है और प्रेम के कारण हम खुश रहते है | सच्चा प्रेम वही है, जिस में कोई स्वार्थ नहीं होता |प्रेम से प्रेम करो , सब के साथ प्रेम से रहो | क्योंकि प्रेम ही जीने का यही एक मात्र सिद्धांत है, वैसे ही जैसे कि तुम जीने के लिए सांस लेते हो| प्रेम के जरिए हम जीवन में दुःख को भी हरा देते है | प्रेम में ऐसीशक्ती है जो सबको एक साथ मिलाकर रखती है | हमें सबके साथ प्रेम के साथ रहना चाहिए |
जो मनुष्य प्रेम से रहता है , प्रेम को बांटता है | अर्थात वही मनुष्य जीवन आनन्द से व्यतीत करता है | यह स्वामी विवेकानंद जी के बोल है , प्रेम विस्तार है |स्वामी विवेकानंद बहुत सारी बातें सिखाती हैं जिंदगी जीने का | स्वामी विवेकानंद कहते है जिंदगी को ख़ुशी से व्यतीत करने का नियम है प्रेम|
स्वार्थ की भावना मनुष्य को मतलबी बनाता है | स्वार्थ से लोग मरते है , और अपना जीवन दूसरों से जल-जल कर निकालते है | स्वार्थ से लोग मरते है , और अपना जीवन दूसरों से जल-जल कर निकालते है | स्वार्थ मानव को गलत रास्ते और सबसे दूर ले जाता है| मनुष्य का स्वार्थी मन किसी की खुशी नहीं देख सकता | स्वार्थ के रास्ते चलने पर हमें कुछ हासिल नहीं होता | हमें स्वार्थ का रास्ता कभी नहीं अपनाना चाहिए |