write a essay on covid - 19 2 wave in Hindi
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विश्व के विभिन्न देशों में कोरोना की दूसरी लहर दस्तक दे चुकी है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में आए दिन हजारों की संख्या में मरीज आ रहे हैं। इतिहास के पन्नों को उल्टे तो यह स्पष्ट है कि कोरोना की दूसरी लहर के अधिक दुष्प्रभाव होंगे। 1917 में स्पेनिश फ्लू नामक जो महामारी आई थी, जब 1919 में उसकी दूसरी लहर आई तो वह पहले से ज्यादा खतरनाक साबित हुई। वैश्विक स्तर पर कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिए तरह-तरह के निर्णय लिए गए हैं। स्पेन ने कोरोना इमरजेंसी की अवधि को मार्च से मई तक के लिए बढ़ा दिया है, यू.के ने एक माह का लॉकडाउन घोषित किया गया है, फ्रांस और जर्मनी में भी 2 और 4 सप्ताह के लिए लॉकडाउन लगाया गया है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम व्यक्तिगत स्तर पर जानें कि दूसरी लहर में कितना प्रभावशाली है कोरोना और इससे बचने के उपाय।