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मेरी दिनचर्या
मै, _____ , नवम श्रेणी का विद्दार्थी हूँ, मेरे जीवन का दैनिक कार्यक्रम बहुत सामान्य सा है जो प्रात: काल उठने से पारम्भ होकर रात्रि को सोने तक का है | मै प्रतिदिन प्रात:काल बहुत शीघ्र उठ जाता हूँ | एक बार हमारे प्रधानाचार्य जी ने प्रात :काल में जल्दी उठने के महत्त्व को बताते हुए कहा था की जो ब्रह्ममुहूर्त में उठता है तथा रात्रि को शीघ्र ही सो जाता है उसका स्वास्थ्य अच्छा रहता है | वह अधिक सम्पत्ति का स्वामी होता है तथा उसकी बुद्धि भी बहुत तीव्र होती है | इस अंग्रेजी में ऐसे कहा है – ‘ Early to bed and early to rise, makes a man healthy, wealthy & wise’ उनकी इस शिक्षा के बाद मै प्रात : जल्दी उठने लगा हूँ तथा उठकर एक घण्टे के लिए पास के बाग़ में प्रात: कालीन भ्रमण के लिए चला जाता हूँ |
भ्रमण से आने के पश्चात मै नित्य के कार्य करता हूँ जैसे शौच से निवृत्त होना, दांत साफ करना तथा स्नान आदि करना | तत्पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करके तथा पूजा की सामग्री लेकर मै मन्दिर में भगवान की आराधना करके जाता हूँ | मेरी माता जी चाहती है कि मै दिन का कार्य भगवान की पूजा करके प्रारम्भ करूँ | मन्दिर से लौटने के बाद मै एक गिलास दूध तथा बिस्कुट व डबलरोटी का नाश्ता करता हूँ | उसके बाद मै निशिचत होकर लगभग 11 बजे तक अध्ययन करता हूँ अर्थात अपना गृहकार्य पूरा करता हूँ | मै अपना गृहकार्य नित्य के नित्य ही करता हूँ |
तभी थोडा विश्राम करके तथा भोजन करके मै लगभग 12.30 बजे पाठशाला के लिए चल पड़ता हूँ | हमारी पाठशाला 1.00 बजे प्रारम्भ होती है | वहाँ मै पूरा समय उपस्थित रहकर पाठशाला से अवकाश मिलने पर लगभग 6.30 बजे घर वापस आता हूँ पाठशाला में मै अपने सभी गुरुओ का आदर करता हूँ तथा सभी विषयों का अध्ययन मन लगा कर करता हूँ | पाठशाला से वापस आकर थोडा जलपान करता हूँ और आधा घंटा विश्राम करता हूँ | फिर शाम का भोजन करता हूँ | भोजन के बाद बाहर घुमने निकल जाता हूँ | वहाँ से आकर थोडा पड़ता हूँ लगभग एक घंटा दूरदर्शन देखता हूँ और फिर 9.30 बजे सोने चला जाता हूँ | रविवार तथा दुसरे अवकाश के दिनों में मै अपने मनोरंजन के लिए अपने मित्रो के साथ चलचित्र देखने या पार्क में खेलने चला जाता है | परन्तु मै जल्दी सोने तथा जल्दी उठने के नियम को नही छोड़ता हूँ | यही मेरी दिनचर्या है |