Hindi, asked by sabina2358, 1 year ago

Write a essay on meri maa

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Answered by ritu005
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मेरी मां बहुत प्यारी हैं। वे रोज सुबह घर में सबसे पहले उठ जाती हैं। भगवान से लेकर घर के सब लोगों का ध्यान मेरी मां ही रखती हैं। वे दादा-दादी का पूरा ध्यान रखती हैं। पापा, मेरी और मेरी छोटी बहन की हर एक छोटी बड़ी बातों की परवाह भी मेरी मां करती हैं। दादी कहती हैं कि मेरी मां घर की लक्ष्मी हैं। मैं भी मां को भगवान के समान मानता हूं और उनकी हर बात मानता हूं।

मेरी मां जॉब भी करती हैं। घर और ऑफिस दोनों की जिम्मेदारी वे बहुत ही अच्छे से निभाती हैं। उनके सरल और सुलझे व्यवहार की तारीफ उनके ऑफिस के सारे लोग करते हैं। मेरी मां गरीबों और बीमारों की भी हर संभव मदद करती हैं। मेरी मां मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं। मैं जब कोई गलती करता हूं तब मां मुझे डांटती नहीं हैं बल्कि प्यार से मुझे समझाती हैं। जब मैं दुखी होता हूं तब मेरी मां ही मेरे मुरझाए चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर आती हैं। उनके प्यार और ममतामयी स्पर्श को पाकर मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं।मेरी मां ममता की देवी समान हैं। वे मुझे और मेरी बहन को हमेशा अच्छी-अच्छी बातें बताती हैं। मेरी मां मेरी आदर्श हैं। वे मुझे सच के रास्ते पर चलने की सीख देती हैं। समय का महत्व बताती हैं। कहते हैं कि मां ईश्वर के द्वारा हमें दिया गया एक वरदान है। जिसकी आंचल की छांव में हम अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं और अपने सारे गम भूल जाते हैं। मैं अपनी मां से बहुत प्यार करता हूं और भगवान को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे दुनिया की सबसे अच्छी मां दी।
Answered by Anonymous
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Answer: मेरे लिए त्याग तपस्या की सर्वश्रेष्ठ जीवन्त मूर्ति, ममता और दया भाव से भरी, अपना दुःख भूल कर बच्चों के लिए जीने वाली, पेड़ पौधों, पशु पक्षियों तथा अपने क़रीब रहने वाले लोगों के दुःख दूर करने का हर सम्भव प्रयास करने वाली इंसान का नाम माँ है। मेरी माँ अपने जीवन के 80 वसंत देखने के बाद आज भी ऐसी हैं।

मेरे लिए मेरी माँ प्रथम पूज्य हैं। मेरे दिन का प्रारम्भ उनके आशीर्वाद से होता है। उनकी दुआओं का ही असर है कि आज हम खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं

भगवान हमारी किस्मत हमारे कर्मों के आधार पर लिखते हैं। पर माँ हमारी किस्मत हमारे बुरे कर्मों को माफ़ कर के लिखती है। इस तरह वो मेरे लिए धरती माँ की तरह हैं जो अपने अच्छे और बुरे बच्चों में कोई भेद नहीं करती है।

मेरे लिए मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी सहेली है।                                                                                     हम बच्चों को मात-पिता ने, कैसे कैसे पाला।

हमको कुछ भी समझ न आया, जाने ऊपरवाला।

माँ की ममता क्या होती है, माँ कैसी होती है।

सब कुछ बच्चों को दे देती, खुद भूखी सोती है।

ऐसी माँ के चरणों में हम, नित नित शीश झुकाएं।

कोशिश अपनी इतनी है बस, वो आंसू न बहाए।।

मात-पिता से बढ़कर जग में, नहीं है कोई दूजा।

यही हमारे गीता-भगवत, यही पाठ, यही पूजा।

मेरे भाई-मेरी बहना, तुम भी फर्ज निभाना।

हाथ जोड़ मैं करूँ निवेदन, दिल न उनका दुखाना।

मात-पिता ही इस धरती पर असली के भगवान हैं।

हमें गर्व है इसी बात का हम उनकी संतान हैं ।।

हमें गर्व है इसी बात का, हम उनकी संतान है।।

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