Science, asked by Anonymous, 10 months ago

write a essay on papa ki pari / sherni !​

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Answered by kishanyadav21
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Explanation:

पापा की परी हूँ मैं

उड़ना उन्होंने ही सिखाया है

चाहे कैसे भी हो हालात

हँसते रहना उन्होंने बताया है

कभी काँधे पर कभी हवा में उछाल कर

वह ऊंचाइयां मुझे दिखाते रहे

डगमगाने लगते थे जब भी कदम

वह झुक कर मुझे सँभालते रहे.

जो भी माँगा , भरपूर मिला

जो कहा नहीं वोह भी दिया

कड़ी धूप में बहा के पसीना,

मेरे सपनो को उन्होंने सींचित किया।

क़र्ज़ बहुत हैं , फ़र्ज़ बहुत हैं

कहने को मन में बातें बहुत हैं

जो सपने छूट चुके हैं पीछे ,

उन्हें पूरा करने के अरमान बहुत है।

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