Write a essay on 'paryavaran aur pradushan' in hindi
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मनुष्य जाति इस स्थिति के लिए खुद ही जिम्मेदार है। क्योंकि मनुष्य जाति ऐसी बहुत सी वस्तुओं का प्रयोग कर रही है जिसे बनाने के लिए बहुत हानिकारक पदार्थों का प्रयोग किया जाता है और जब ये चीजें फालतू बच जाती हैं तो इन्हें फेंक दिया जाता है जिसकी वजह से हानिकारक कैमिकल्स आस-पास के वातावरण में फैलने लगते हैं और पर्यावरण को प्रदूषित कर देते हैं।
प्रदूषण की समस्या को बड़े-बड़े शहरों में ज्यादा देखा जाता है क्योंकि वहाँ पर 24 घंटे कारखानों का और मोटर गाड़ियों का धुआँ बहुत ज्यादा मात्रा में फैल रहा होता है जिसकी वजह से लोगों को साँस लेने में बहुत समस्या होती है। मनुष्य अपनी प्रगति के लिए वृक्षों को अँधा-धुंध काटता जा रहा है जिसकी वजह से प्रदूषण की मात्रा बढती जा रही है।
मनुष्य प्रकृति से मिले इस अमूल्य धन को व्यर्थ ही नष्ट करता जा रहा है। पर्यावरण में कार्बन-डाई-आक्साइड की अधिक मात्रा हो गई है जिसकी वजह से धरती का तापमान बढ़ता जा रहा है। धरती के तापमान बढने की वजह से ओजोन परत को हानि हो रही है जिसके कारण सूर्य की किरण सीधी धरती पर पहुंचने लगी हैं और मनुष्य को अलग-अलग तरह की बीमारियाँ हो रही हैं।
पर्यावरण प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। यह ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि का एक कारण होता है। पिछले दशक से पर्यावरण बहुत अधिक बढ़ गया है। लेखकों ने भी पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध लेखन का काम शुरू कर दिया है।
प्रदूषण सभी तरह से पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है और जीवन की परिस्थिति को भी प्रभावित कर रहा है। मनुष्य की मूर्खता की वजह से पृथ्वी का प्राकृतिक सौंदर्य दिन-प्रतिदिन खराब होता जा रहा है।
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