India Languages, asked by jay5936, 1 year ago

write a essay on the topic
(श्रवण कौशल्य)
in marathi..

Answers

Answered by ishananand1302
2
Answer:

श्रवण कौशल के बारे में जानने से पहले छात्रांे आप के लिए यह आवश्यक ही अनिवार्य भी है कि आप भाषायी कौशलों से परिचित हो लें। तभी आप सभी कौशलों को अच्छी तरह से समझ सकेगें।
मनुष्य में भाषा सीखने की प्रवृत्ति स्वाभाविक रुप से विद्यमान रहती है। उसकी इस प्रवृत्ति का प्रमाण शैशवावस्था में मिल जाता है। जब वह अनुकरण के माध्यम से अपने माता-पिता तथा घर के अन्य सदस्यों से ध्वनियाँ ग्रहण करता है, ध्वनि समूहों को समझने लगता है और उन्हंे बोलने लगता है। यह स्वाभाविक प्रवृत्ति ही उसे भाषा सीखने की ओर प्रशस्त्त करती है।


श्रवण-कौशल शिक्षण का महत्व, श्रवण-कौशल शिक्षण के उद्देश्य,हिंदी शिक्षण, सीटीईटी हिंदी नोट्स, Best Free CTET Exam Notes, Teaching Of HINDI Notes, CTET 2015 Exam Notes, TEACHING OF HINDI Study Material in hindi medium, CTET PDF NOTES DOWNLOAD, HINDI PEDAGOGY Notes,

भाषा एक कला है, दूसरी कलाओं की भाँति इसे सीखा जाता है और सतत अभ्यास से इसमें प्रवीणता आती है। जिस प्रकार दूसरी कलाओं में साधनांे की आवश्यकता होती है उसी प्रकार भाषा सीखने के लिए भी साधन की आवश्यकता होती है। साधन का दूसरा नाम अभ्यास है कला की साधना अन्ततः आदत बन जाती है। शुद्ध एवं शिष्ट बोलने वाले व्यक्ति को स्कूल में पढ़े व्याकरण के नियम याद न हो, लेकिन बोलने वक्त स्वतः उसके मुख से व्याकरण सम्मत शुद्ध भाषा ही निकलेगी।

भाषा ज्ञार्नाजन का सशक्त साधन है, परन्तु सबसे पहले भाषा कौशलों 'L.’ ‘S.’ ‘R.’ ‘W. में प्रवीणता प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।

Please mark me brainliest.

Answered by simmba7028382786
0

shravan kushalya

Explanation:

answe

Similar questions