Write a father's day letter to father in hindi
Answers
Answer:
The answer is given in the above picture
Answer:
Explanation:
डियर पापा,
रोज रात को 9 बजे आपका फोन आ जाता है। ज्यादा बातें नहीं होती। सिर्फ हाल-चाल से ही सुकून मिल जाता है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से आपसे कुछ और भी बातें करना चाहता हूँ। फोन पर कहने की कोशिश की थी लेकिन गला भर आया। आज फादर्स डे है। सोचा, आज नहीं कह पाया तो कभी नहीं कह पाउँगा। इसलिए ये चिट्ठी लिख रहा हूँ… Also Read - father's day special: you'll cry after watching this video | फादर्स डे स्पेशलः एक कॉमेडियन का यह वीडियो आपकी भी आँखे नम कर देगा
सातवीं क्लास में सरस्वती विद्या मंदिर के आचार्य जी ने मुझे खूब पीटा था। शाम को घर गया तो गाल में थप्पड़ के निशान थे। आपने मेरे चेहरा देखा। दीदी ने बताया कि आचार्य जी ने मारा है। आप गुस्से में बड़बड़ाने लगे थे। बहुत मुश्किल से माँ ने आपको समझाया था। मेरे पीटे जाने पर आपकी बेचैनी देखकर मैंने तय किया था कि अब किसी को मारने का मौका नहीं दूँगा। मुझे नहीं पता आपने स्कूल में बात की थी या नहीं लेकिन उस दिन के बाद से कभी भी मुझे मार नहीं पड़ी। आज तक नहीं।
2009 की गर्मियाँ थीं। 10वीं की परीक्षा पास करके मैं गाँव से इलाहाबाद गया था। एक शाम को कोचिंग से लौटते वक्त गाँव से माँ का फोन आया। हाल-चाल लेने के बाद माँ ने मोबाइल आपको पकड़ा दिया। आपने ‘हैलो’ कहा और फिर लंबी खामोशी छा गई। दरअसल, मैं खामोश नहीं था। आपकी आवाज सुनते ही मेरी आँखों से शब्द बहने लगे थे। बाद में माँ ने बताया कि आप भी रोने लगे थे इसलिए कुछ नहीं बोल पा रहे थे।
सब बच्चों की तरह मैंने भी कैरियर चुनने में संघर्ष किया। एक कोर्स से दूसरे कोर्स में स्विच किया। आपका भरोसा हमेशा साथ रहा। मुझे याद है आपने एक दिन कहा था ‘जिस काम को करने का दिल करे। जिसमें मजा आए वो करो। हमें इतना पता है तुम जो भी करोगे अच्छा करोगे।‘ आपकी उस बात ने ऊर्जा से भर दिया था। फिर कभी अपने किसी फैसले पर अफसोस करने की नौबत नहीं आई।
कॉलेज में प्लेसमेंट शुरू हो गए थे। न चाहते हुए भी प्रेसर बढ़ता जा रहा था। आपने न जाने कैसे मेरे अंदर के तनाव को महसूस कर लिया था। आपके फोन दिन में दो बार आने लगे थे। उस दौरान आपकी सारी बातें मुझे खुश करने के लिए होती हैं। आपका सारा प्रयास होता था कि मुझपर कोई प्रेसर न आने पाए। आपने कहा था तुम मेरे हीरो हो। तुम्हें बहुत आगे जाना है। ये छोटे-मोटे दौर तुम्हारा रास्ता नहीं रोक सकते। मुझे एहसास ही नहीं था कि आप मेरे हीरो से मैं आपका हीरो कब बन गया।
डियर पापा,
ऐसे अनगिनत पल हैं जो मैं कभी नहीं भूल सकता। आपकी हर बात मुझे बेहतर बनाती है। मुझे जब भी कोई सलाह चाहिए होती है तो मैं आपसे बात करता हूँ। मुझे पता है कि मैं जिस जिंदगी को आज जी रहा हूँ उसे आप सालों पहले जी चुके हैं। आपको पता है कि गल्तियाँ कहाँ होती हैं और उनका क्या परिणाम होता है। आप मेरे आदर्श हो। यहाँ दिल्ली में बहुत याद आती है आपकी। कोशिश कर रहा हूँ छुट्टी मिलते ही जल्दी ही घर आउँगा। आधे आँसू इस खत को लिखते हुए बह गए हैं आधे आपको गले लगाकर निकल जाएँगें। आई लव यू पापा। हैप्पी फादर्स डे…!!!
आपका
आदित्य द्विवेदी